लेखक -विपुल
ये हम सभी जानते हैं कि आईपीएल को बीसीसीआई ने टीम इंडिया की 2007 टी 20 विश्वकप की खिताबी जीत को भुनाने के लिये शुरू किया था ,लेकिन इसके अलावा आईपीएल अगर 15 साल बाद भी भारतीय क्रिकेट प्रेमियों में लोकप्रिय है तो ,इसकी सफलता के कारणों पर चर्चा की जा सकती है।
आईपीएल के इतने ज़्यादा सफल होने के क्या कारण हैं ? आइये विचार करें।
बहुपक्षीय टूर्नामेंटों का अभाव
पहला कारण जो मुझे समझ में आ रहा है वह यह है कि अब ज्यादातर 20 20 या एकदिवसीय सीरीज द्विपक्षीय ही होती हैं ।पुराने समय की तरह त्रिकोणीय ,चतुष्कोणीय टूर्नामेंट नहीं होते। जैसे शारजाह कप , ऑस्ट्रेलिशिया कप ,नेहरू कप ,ऑस्ट्रेलिया की हर साल होने वाली त्रिकोणीय श्रृंखला वगैरह।
पहले यह सब होते रहते थे ।उस तरह के विभिन्न टीमों के बीच खेले जाने वाले टूर्नामेंट अब नहीं होते हैं ।इस वजह से आईपीएल को इसलिए भी लोग देखना पसंद करते हैं कि कई टीमें होती हैं जो एक खिताब के लिए लड़ती हैं तो विश्वकप जैसी फीलिंग आती है।विभिन्न टीमों के बीच होने वाले विभिन्न मैच लोगों के आकर्षण के केंद्र बिंदु ज़्यादा बनते हैं ।
शाम का समय
दूसरा कारण जो मुझे समझ में आ रहा है ,वो यह कि आईपीएल मैचों की टाइमिंग शाम की रखी जाती है ।शाम को ज्यादातर लोग अपना काम ,व्यवसाय ,नौकरी ,पढ़ाई ये सब निपटाने के बाद थोड़ा मनोरंजन के मूड में होते हैं।
आईपीएल मैच उन्हें मनोरंजन की पर्याप्त खुराक प्रदान करते हैं।
वैसे चीयरलीडर्स भी नाचती हैं न ?छोटे छोटे कपड़े पहन कर ?😜😜
विदेशी खिलाड़ियों का भारतीय खिलाड़ियों के अधीन खेलना।
तीसरा कारण ये है कि भारतीय क्रिकेट प्रेमियों में ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, साउथ अफ्रीका ,वेस्टइंडीज, न्यूज़ीलैंड के खिलाड़ियों को लेकर एक अजीब सा आकर्षण है ।लोग इन्हें भारतीय क्रिकेटरों से पराजित होना देखना चाहते हैं।सोचिए हम रिचर्ड्स, स्टीव वॉग के समय से तुलना करें तो तब ये विदेशी खिलाड़ी भारतीय क्रिकेटरों को बड़ी नीची दृष्टि से देखते हैं।उन्हीं ऑस्ट्रेलिया ,वेस्टइंडीज के वार्नर या रसेल जैसे खिलाड़ियों को पंत या अय्यर की कप्तानी में खेलता देखते हैं।
रवि बिश्नोई ,राहुल तेवतिया जैसे रणजी खिलाड़ियों से परास्त होता देखते हैं तो अच्छा एहसास होता है।
मुझे आज तक ध्यान है अफरीदी 2008 आईपीएल में डेक्कन चार्जर्स टीम से खेला था।
पोंटिंग शायद दादा की कप्तानी में और गिलक्रिस्ट लक्ष्मण की।तब पाकिस्तानी खिलाड़ियों को भारतीय खिलाड़ियों की कप्तानी में खेलते देख कर बहुत सुख मिलता था लोगों को।
आईपीएल की सफलता का ये बहुत बड़ा मनोवैज्ञानिक कारण है।
विदेशी खिलाड़ियों को भारतीय खिलाड़ियों के अंदर खेलते देखना भी एक बड़ी चीज है पुराने समय में कोई कल्पना नहीं कर सकता था कि ऑस्ट्रेलिया इंग्लैंड वेस्टइंडीज के खिलाड़ी भारत में भारत के खिलाड़ियों के अंतर्गत खेलेंगे ।
पैसा और मार्केटिंग
पैसा और मार्केटिंग आईपीएल की सफलता का एक और महत्वपूर्ण कारण है।
करोड़ों रुपयों में बिकते खिलाड़ी भारतीय जनता के लिये बड़ा आकर्षण थे।2008 से ही बीसीसीआई ने आईपीएल की मार्केटिंग में कोई कसर भी नहीं छोड़ी थी।हर tv चैनल ,हर बड़े अखबार ,हर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर हर बड़ी समाचार जगत से जुड़ी हस्ती पर बीसीसीआई ने पैसे खर्च करके आईपीएल की मार्केटिंग की।
इसका फायदा भी बीसीसीआई को हुआ।आईपीएल का पहला सीजन बम्पर हिट रहा।
ऑनलाइन सट्टेबाजी
क्रिकेट पर ऑनलाइन सट्टेबाजी खिलवाने वाले गेमिंग एप भी आईपीएल की सफलता के बड़े कारणों में से एक है।ज़्यादातर बेरोजगार युवा या कमाने वाले भी हर शाम 49 रुपये लगाकर अपनी टीम बनाते हैं और उन खिलाड़ियों की परफॉर्मेंस देखने के लिये आईपीएल मैच देखते हैं।
ये लड़के फिर आईपीएल देखने के लिये हॉटस्टार जैसे एप भी डाऊनलोड करते हैं और tv न सही मोबाईल पर हर हालत में मैच देखते हैं।भले इन्हें रुपये लगाने के बाद कुछ न मिले ,पर इनका ये सट्टेबाजी का नशा भी आईपीएल की सफलता का बड़ा कारण है।
लेखक -विपुल
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शत प्रतिशत सत्य है भाई साहब
बहुत बढ़िया 👌🏻