Vividh

सूर्पनखा का निवेदन

रचनाकार - विज्ञान प्रकाश विज्ञान प्रकाश जो रुद्र समान तेज धारी, जो भू और नभ का भवहारी, कहता गाथाएं वो अबूझ, और सुनती सीता सुकुमारी। अरे भाग्य कैसा दुष्कर, जो गोदावरी तेरी तट पर, जो वसंत सब था छाया, वो होने अंत को था आया! उतरी नभ से वो निशाचरी,…