गांधी अपने युग का केजरीवाल था।
-विपुल मिश्रा
जिंदगी गणित का प्रश्नपत्र नहीं होता कि स्टेप सही होने पर नंबर मिल जाये भले उत्तर गलत लिखा हो।
जीवन में परिणाम मायने रखते हैं।
इस कसौटी पर मोहनदास करमचंद गांधी को कसेंगे तो वो एक असफल हारा हुआ इंसान है जिसकी छवि को बेच कर कांग्रेस ने उसे महान घोषित करवा दिया किताबों में।
कोई भी भला ऐसे किसी आदमी को सफल कैसे मान ले जिसकी औलादें उसकी बात न मानती हों, जो अपनी बीवी को एलोपैथ की दवाई न खाने को मजबूर कर उसे मरने दे, जो खुद हिंदू महात्मा बना बैठा हो और जिसका बेटा इस्लाम अपना ले।
जो पहले बोले कि बंटवारा मेरी लाश पर होगा और फिर बंटवारे के बाद भी जिंदा रहे।
महात्मा गांधी 1940 के दशक का अरविंद केजरीवाल था जो हर जगह अपनी बात से मुकरता दिखता था और तत्कालीन मीडिया के द्वारा स्टार बना दिया गया।
इसका शुरू किया हर आंदोलन विफल रहा और भारतीयों से ज्यादा इंग्लिश और तुर्की हितों में जिसकी रुचि थी।
प्रथम विश्वयुद्ध में ये गांधी ही था जिसने भारतीयों को ब्रिटिश सेना में भर्ती होने को प्रोत्साहित किया।
ये गांधी ही था जिसने विशुद्ध मुस्लिम धार्मिक खिलाफत आंदोलन में हिंदू भारतीयों को घसीटा।
ये गांधी ही था जिसने नरसी मेहता के वैष्णव भजन में अल्लाह शब्द घुसेड़ मंदिरों में बुलवाया।
और मोहनदास करमचंद गांधी को हिंदू महात्मा बनाना भी एक अनूठा स्कैम ही था।
वैदिक काल से सनातनियों के लिये गौ पूज्य है, गौपालन अच्छा कर्म, पर गांधी बकरी पालता था।
कितने हिन्दू महात्मा ऐसे देखे ?
सामान्य हिंदू घरों में भी गाय के अलावा भैंस पालते हैं।
गडरिया और कुछ थोड़े से अन्य समुदाय छोड़ शायद ही बकरी पालन की परंपरा वैष्णव घरों में रही हो।
सारे हिन्दू महात्मा या तो वेद मंत्र या पुराणों के ज्ञाता होते हैं और हवन होम नियमित करते हैं।
गांधी के कितने किस्से ऐसे हैं?
ये हिंदू धर्म की उदारता है कि किसी ऐरे गैरे को महात्मा बोल देते हैं।
आज की तारीख क्या, किसी भी युग में भारतीय समुदाय में किसी ऋषि मुनि ने अपना ब्रह्मचर्य नापने को कुंवारी कन्याओं को शायद ही अपने बगल रात्रि में नंगे होकर सुलवाया हो।
और जब आप शादीशुदा हो तो ब्रह्मचर्य काहे को नापना भाई?
या कस्तूरबा से पूरा नहीं पड़ता था?
गांधी के चरित्र में बहुत सी अजीब बातें हैं।
एक शादीशुदा और बाल बच्चेदार आदमी के लिये पत्नी से यौन संबंध बनाना नैतिक और धार्मिक रूप से भी गलत नहीं माने जाते, फिर इनको ब्रह्मचर्य के प्रयोग की क्या चुल्ल पड़ी थी?
दूसरा ये कि ये राजकोट के एक अमीर दीवान के पुत्र थे, इनके पिता की जायदाद का क्या हुआ?
तीसरा ये कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में 1910 -15 तक कई बड़े नाम थे और आंदोलन स्थापित था, वहां पर दक्षिण अफ्रीका से आये एक व्यक्ति को अचानक कैसे मुखिया बना दिया गया?
एक बात ये भी कि इन्हें कभी कठोर कारावास की सजा क्यों नहीं मिली ?
अंग्रेज तो कुख्यात ही थे अपने खिलाफ , अपनी सत्ता के खिलाफ दिखते हर आदमी को कुचलने के लिये।
इसके अलावा इन्हें सुभाष चंद्र बोस के कांग्रेस अध्यक्ष बनने में क्या दिक्कत थी?
वो भी चुनाव जीते थे।
जो मां के लाडले गांधीवादी बने घूमते हैं उनसे कोई ये बात पूंछ के देखे तो जरा कि गांधी अगर आज आसमान से उतर आए और अपना ब्रह्मचर्य नापने को तुम्हारे घर की बहन बेटी मांगने लगे तो दोगे उसे?
एक कमीने को क्रांतिकारी बनाना केवल भारत में संभव है।
गांधी अपने युग का केजरीवाल था।
गांधी अपने युग का केजरीवाल ही था।
विपुल मिश्रा
सर्वाधिकार सुरक्षित -Exxcricketer.com