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आपका -विपुल

आज दुःख का दिन है ।
दुःख का विषय है।
दुःख की बात है।
एक राष्ट्र और एक समाज के तौर पर हम कहां जा रहे हैं?
कल गुजरात में जीत तो भाजपा की हुई , लेकिन देश हार गया।
गुजरात की जनता हिमांचल की जनता जितनी समझदार क्यों नहीं है?
रामपुर की जनता मैनपुरी या खतौली की जनता जितनी समझदार क्यों नहीं है?
और तो और यूपी की जनता , दिल्ली की जनता जितनी समझदार क्यों नहीं है?
नहीं ये सवाल आपसे नहीं पूंछ रहा! खुद से पूंछ रहा हूं।
आपसे पूंछने का हक तो मैने 2019 में ही खो दिया था ।
2014 से 2019 तक तो उम्मीद थी, फिर हिन्दू फासिस्टों , भगवा गुण्डों , हिन्दू राष्ट्र की कल्पना वाले कलमकारों ने भारत की आम जनता में इतना विष घोल दिया कि मेरे जैसे निष्पक्ष पत्रकार को भी लोग कम्युनिस्ट बताने लगे।
बड़ी विडंबना है।

गुजरात चुनाव एक साधारण चुनाव नहीं था। दरअसल गुजरात ही एक साधारण राज्य नहीं है।
बापू का राज्य है। शराबबंदी है। टाटा नैनो का प्रोजेक्ट यहीं लॉन्च हुआ था । विश्व के सबसे बड़े अमीरों अम्बानी और अडानी का गृहराज्य है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,गृहमंत्री अमित शाह का गृहराज्य है।
वही गृहमंत्री अमित शाह जो जेल जा चुके हैं, वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिनका अमेरिका जानें का वीजा हमारी मित्रमंडली ने खारिज करवाया था, इनके अमेरिका में घुसने पर प्रतिबंध लगवाया था।
उन्हीं मोदी को अमेरिका का राष्ट्रपति अपने चुनाव प्रचार के लिए बुलवाता है ।
वही अमित शाह आज गृहमंत्री है।
बड़ी विडंबना है।

2022 के गुजरात चुनाव के समय क्या गुजरात की जनता को 2002 की याद नहीं आई होगी?
मोरबीर के पुल की याद नहीं आई होगी?
मैं और मेरे साथियों ने कसर नहीं छोड़ी , लेकिन गुजरात की जनता नहीं मानी।
हम ईवीएम का रोना नहीं रो सकते क्योंकि हिमांचल और दिल्ली एमसीडी चुनाव में हिंदूवादी ताकतों की करारी हार हुई है।
और गुजरात की जनता ने हिंदूवादी ताकतों को न सिर्फ जिताया बल्कि दूसरी पार्टियों को जलील करके हराया।
बड़ी विडंबना है।

एक राज्य जो विख्यात था,मोहनदास कर्मचंद गांधी के लिये, सरदार वल्लभ भाई पटेल के लिये, फाफड़ा , ढोकला के लिये, महमूद बेगड़ा के लिये,
आज एक बहुरूपिये सफेद दाढ़ी वाले महानुभाव के लिए प्रसिद्ध है जो अरब देशों से धर्म निरपेक्षता के पुरस्कार लेकर राम मंदिर के शिलान्यास में बैठता है।
बड़ी विडंबना है।

और इससे भी बड़ी विडंबना है कि महमूद शाह बेगड़ा के बारे में बहुत कम लोग जानते होगें ।
एक सिस्टमेटिक तरीके से मुस्लिम बादशाहों के नाम नई पीढ़ी के जेहन से निकाले जा रहे हैं और सुहेल देव जैसे काल्पनिक चरित्रों का महिमा मंडन किया जा रहा है ।
गुजरात की भाजपा की उन सभी शक्तियों के लिये एक सबक है , उनके मुंह पर एक तमाचा है जो हिन्दू मुस्लिम एकता वाले भारत में, हिन्दू मुस्लिम सह अस्तित्व में विश्वास रखते हैं।

मैं गुजरात की आम जनता को जगाने का प्रयास करते करते एनडीटीवी से यूट्यूब पर आ गया, पर जनता नहीं जागी ।
बड़ी विडंबना है।

आपका -विपुल
सर्वाधिकार सुरक्षित -Exxcricketer.com


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