सोशल मीडिया -पैसा और नग्नता
विजयंत खत्री
सोशल मीडिया
सोशल मीडिया, खास कर इंस्टाग्राम पर आजकल ये ट्रेंड चल रहा है कि नवयुवतियों और महिलाओं द्वारा बहुत से भद्दे और अश्लील वीडियो बनाये जा रहे हैं। इस प्रकार के वीडियो केवल अपने घर या निजी स्थान पर नहीं बल्कि सार्वजनिक जगहों पर भी बहुत बनाए जा रहे हैं।रेल, मेट्रो, सड़क, बाज़ार कोई सार्वजानिक जगह ऐसी नहीं बची है जहां पर मोबाइल कैमरा के सामने महिलाओं का अंग प्रदर्शन होता ना दिखाई देता हो।
आखिर क्य़ा वज़ह है कि सोशल मीडिया पर इस तरह की हरकतें भारतीय युवा और विशेष तौर पर युवतियां करते दिखाई दे रहे हैं ? विशेषकर कम उम्र के युवा ही दिखते हैं और उनमें भी विशेषकर लड़कियां ही ज्यादा दिखाई दे रही हैं।
एक तरह से सार्वजनिक मुजरे का आयोजन वर्तमान में पूरे देशभर में होता हुआ दिखाई दे रहा है।
थोड़ा समझने की कोशिश करते हैं कि भारतीय नवयुवा इस तरह की हरकतें बिना शर्म के क्यों और कर रहे हैं?
सोशल मीडिया पर वायरल होने की इच्छा
एक प्रश्न सबके दिमाग मे होगा कि युवा सोशल मीडिया पर प्रसिद्घ होना क्यों चाहते हैं तो इसका सीधा कारण है पैसा! बहुत सा पैसा कमाना।
सोशल मीडिया पर लोग पैसा कैसे कमाते हैं?दरअसल पुराने समय में हर कंपनी अपना सामान बेचने के लिए उसका प्रचार प्रसार करती थी। विज्ञापन युग से भी पहले सेल्स मैन होते थे जो घर घर जाकर किसी कंपनी के सामान की विशेषता बता कर उसे बेचने का प्रयास करते थे।
फिर इन्टरनेट का युग आया और सोशल मीडिया पर जो लोग जल्दी प्रसिद्ध हो चुके थे उनकी सोशल मीडिया पर पहुंच को देखते हुए उन्हें बड़ी कंपनियों के लिए विज्ञापन करने के अवसर प्राप्त हुए, जिन विज्ञापनों को करने का अवसर पहले सिनेमा और खेल जगत की बड़ी बड़ी हस्तियों को ही मिलता था।
उसके बाद कोरोना काल मे लगभग सारा समान ऑनलाइन ही बिकने लगा। छोटी से छोटी छोटी कंपनियां भी अपना माल ऑनलाइन ही बेचने लगीं। उसी दौरान कई छोटी और मंझोली कंपनियों ने कई छोटे बड़े सोशल मीडिया इनफ्लूएंसर को अपना सामान बेचने के लिए प्रचार करने को राजी किया।
साथ ही कोरोना काल में हर बच्चे के हाथ में स्मार्टफोन ऑनलाइन क्लास के बहाने से आ भी चुका था।
लगातार 2 साल तक भारत में ना तो स्कूल, ना ही कॉलेज में पढ़ाई हुई।ना ही ढंग से पढ़ाई हुई और तब बच्चों और युवाओं के पास सस्ता इन्टरनेट और स्मार्टफोन था ही, तो वो लोग भी अन्य सोशल मीडिया इनफ्लूएंसर की देखा देखी इस पैसा कमाने की अंधी दौड़ में शामिल हो गये।
कई लोगों का जीवन बदल भी गया , कई लोग प्रसिद्ध भी हुये और बहुत सारा धन भी कमाया। लेकिन एक महत्वपूर्ण बात जो याद रखनी चाहिये कि सोशल मीडिया पर प्रसिद्ध होने की प्रायिकता वही है जो ड्रीम 11 पर एक टीम बना कर एक करोड़ रुपये जीतने वाले ऑनलाइन जुआरी की होती है।
यहीं से इस प्रसिद्धि के खेल में गला काट प्रतियोगिता शुरू होती है।
इंटरनेट प्लेटफार्म पर जल्दी से वायरल होने के लिए भारतीय युवाओं द्वारा जो साम-दाम दंड भेद की नीति अपनाई जा रही है, उसमें मूल समस्या ये है कि सोशल मीडिया पर प्रसिद्घ होना बहुत ही ज्यादा मुश्किल है।
या तो आपके अंदर बहुत नैसर्गिक प्रतिभा होनी चाहिए जैसे अच्छा लेखन, गायन, अभिनय या बोलने की कला अथवा अपने किसी विशिष्ट क्षेत्र का बहुत अधिक और विशेष ज्ञान आदि।
समस्या वहां उत्पन्न होती है जब आपके अंदर कोई इस प्रकार की विशेष प्रतिभा होती ही नहीं है पर आप फिर भी प्रसिद्ध होकर सोशल मीडिया से हर हालत में धन कमाना चाहते हैं।
इसके लिए लड़कों ने गेमिंग कमेन्ट्री मे भद्दी गालियां या अश्लील भाषा का प्रयोग करना शुरू कर दिया।
पर उस क्षेत्र में भी कोई बहुत ज्यादा लोग प्रसिद्घ नहीं हो सके क्योंकि इन जैसी चीजों को करने के लिये भी काफी मेहनत और प्रतिभा की जरूरत होती है।
उधर लड़कियों के लिए अपने फोटो और वीडियो ही काफी थे। फिर इन लड़कियों के बीच भी प्रतियोगिता इसलिये बढ़ती चली गयी क्योंकि हर साल कुछ एक नये और आकर्षक युवा चेहरे सामने आते जा रहे थे।
सोशल मीडिया के दम पर गरीबी से बाहर आके कई लोगों ने अच्छा कमा कर अच्छा-खासा जीवन भी जीना शुरू कर दिया था।
इसके बाद शुरू हुआ नग्नता और अश्लीलता दिखा कर सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स और व्यूज जुटाने की प्रतियोगिता का खेल।
कौन इस अश्लीलता और अंग प्रदर्शन के खेल द्वारा फॉलोअर्स और व्यूज जुटाकर कितना नीचे गिर सकता है, ये प्रतियोगिता शुरू हो गयी।
शुरुआत हुई युवतियों के नाचने से।
फिर नाच में भी ये लोग आगे बढ़ और हल्का अंग प्रदर्शन शुरू हुआ।
उसके बाद ये सारे लोग फिर सॉफ्ट पोर्न तक आ गए।
लेकिन समाज को तब तक दिक्कत नहीं थी , जब तक कि ये सब बंद कमरों में सार्वजनिक स्थानों से दूर हो रहा था, और सार्वजानिक पटल केवल इन्टरनेट पर ही था।
पर वहां भी तगड़ी प्रतियोगिता हो गई।
कम उम्र की लड़कियां जिनकी उम्र मुश्किल से 12-13 साल है, से लेकर 40 वर्ष की विवाहित महिलाओं तक ने ये अश्लीलता का प्रदर्शन सार्वजानिक जगहों पर करना शुरू कर दियाजिनकी वीडियो आपको रोज रोज सोशल मीडिया पर दिखाई ही दे रही होगी।
और इतना सब करने के बाद भी ये सभी प्रसिद्ध होके अच्छा-खासा पैसा भी नहीं कमा रहे हैं।
ऐसे सफल लोगों की संख्या लाखों में से एक ही होती है।बाकी युवक युवतियां यहां असफल होकर अक्सर गलत राह पर निकल पड़ते हैं।
आजकल 50 हजार फालोवर वाली लड़कियां ऑनली फैन्स जैसी वयस्क एप पर नग्न प्रदर्शन करके धन कमाने में लगी हुई हैं।
भविष्य क्य़ा होगा?
ऐसे युवा लोगों का भविष्य बड़ा अंधकारमय होता है।जो लोग सफल हैं,वो भी इस तरह के काम करके 6-7 साल से ज्यादा सफल नहीं हो सकते हैं।जो असफल हुए उनका तो कहना ही क्या?
पर इस अंधी दौड़ में भारतीय समाज का पतन प्रारम्भ हो गया है।बच्चे पढ़ नहीं पा रहे हैं क्योंकि वो अपनी काल्पनिक अमीरी भरे भविष्य मे खोये हुए ज़ोंबी की तरह कुछ भी कर गुजरने को तैयार हैं।अगले कुछ सालो में एक फैक्ट्री में कुछ सामान बनाने वाले कर्मचारियों से ज्यादा उसका प्रचार करने वाले सोशल मीडिया इनफ्लूएंसर ज्यादा दिखाई देंगे।
महिलायें और लड़कियां इसका शिकार ज्यादा दिखाई दे रही हैं, क्योंकि फ्रॉड नारीवादी लोग नये उम्र की लड़कियों को इन्टरनेट पर ये समझाने मे कामयाब रहते हैं कि योर बॉडी योर चॉइस, माइ लाइफ माय रूल।
पर मनुष्य ठहरा एक सामाजिक प्राणी जहां पर स्त्री और पुरुष समाज की दो अलग अलग धुरी हैं।
अमेरिकन वोकिज्म की तर्ज पर भारत में भी महिलाओं को वामपंथी और वोक ऐक्टिविस्ट निशाना बनाते हैं।
और हाँ अगर आप इस धोखे में हैं कि ये समस्या तो बड़े शहरों की है तो आप गलत हैं।
ये समस्या टीयर-1,2, 3 शहरों के साथ ही सुदूर गांवों तक मे फैल चुकी है।
भविष्य क्या होगा ? क्या पता?
विजयंत खत्री
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