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आपका – विपुल
केवल गम्भीर क्रिकेट प्रेमियों के लिए लेख
देखिए
बिल्कुल पाटा पिच पर भी सभी बल्लेबाज 200 नहीं बना पाते और बिल्कुल धूल भरी टूटी पिच पर भी सभी स्पिनर्स पंजा नहीं मार पाते । इसलिए जो ऐसी पिचों पर शतक बनाते हैं या विकेट लेते हैं, उनका सम्मान करना चाहिए। खिलाड़ी तो अच्छे हैं ही न ?

एक आम इंटरनेशनल क्रिकेटर अपने जीवन के लगभग 60 से 65 प्रतिशत मैच अपने देश में खेलता है, इसलिये अपने देश की परिस्थितियों में प्रदर्शन विदेश में प्रदर्शन से कम मायने कतई नहीं रखता।अजिंक्य रहाणे के 5000 रन भी नहीं हुए और टीम से बाहर हैं जबकि विदेश में अच्छा प्रदर्शन पहचान थी उनकी।

सीधी बात है, घरेलू पिचों पर अच्छा प्रदर्शन आपका कैरियर लंबा खींचने में सहायक है।
इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया के मैच देखिए। ये 60 नहीं 70 प्रतिशत मैच अपने घरों में ही खेलते आए हैं। बहुत बदलाव wtc प्रोग्राम आने के बाद भी नहीं पड़ा।अब जेम्स एंडरसन और जो रूट जैसे लीजेंड की बात कर लें।

वर्तमान क्रिकेट जगत के सबसे ज्यादा टेस्ट रन बनाने वाले खेल रहे बल्लेबाज जो रूट के आस्ट्रेलिया में कितने शतक हैं?
एक भी नहीं।
जेम्स एंडरसन की प्रतिभा पर संदेह नहीं लेकिन 2012 के बाद दोनों भारत दौरे पर शायद ही कोई पंजा है उनका। चेन्नई की रोड पर 200 के अलावा रूट ने क्या किया?
डेविड वॉर्नर ने भारत में कोई झंडे नहीं गाड़ रखे और लायन को परे रखें तो स्टार्क और हेजलवुड ने भी कोई झंडे नहीं गाड़ रखे भारत में। पॉन्टिंग को भज्जी ने 2001 में तिगनी का नाच नचा दिया था और वार्न और मैकग्राथ भी कोई करिश्मा यहां नहीं दिखा पाए थे।
2004 को छोड़ के देखो।

ये सब महान खिलाड़ियों में गिने जाते हैं न?
लारा का भारत में क्या रिकॉर्ड है? चंद्रपाल का? एंब्रोस और वाल्श का?
डोनाल्ड पोलॉक और कालिस ने भारत में अपनी टीम को कितने मैच जिता पाए?
एबी ने कितने जिताए?
गूच , बॉथम?
मर्व ह्यूज को तो भारत में खिलाया ही नहीं जाता था।
ऑस्ट्रेलियन बॉलर थे।

कहने का मतलब ये है कि एक दशक से ज्यादा कैरियर,100 से ज्यादा टेस्ट, 8 हजार से ज्यादा टेस्ट रन या 300 से ज्यादा टेस्ट विकेट लेने वाले किसी भी क्रिकेटर का करियर देखिए तो आपको पता चलेगा उनके ज्यादातर रन विकेट और बेस्ट प्रदर्शन घरेलू परिस्थितियों में ही आए होंगे। फिर?

अपने घरेलू मैदानों पर रनों का ढेर और विकेटों के अंबार लगा कर ऑस्ट्रेलियाई, इंगलिश दक्षिण अफ्रीकी और कीवी खिलाड़ी महान घोषित कर दिए जाते हैं और अश्विन और रोहित घर के शेर
बाबर आजम का ऋषभ पंत जैसी कठिन परिस्थितियों और पिचों में बनाया गया एक भी शतक बता दो
पर पंत लपोड़ी है, बाबर किंग ।
है न हंसी की बात?

श्रेयस अय्यर को शॉर्ट गेंद से प्रोब्लम का हव्वा मचाया जाता है।शॉर्ट गेंद और ऑफ़ स्टंप की लाइन से सबको ही दिक्कत होती है।रोहित को भी और रूट को भी।
अश्विन के 400 विकेट और 3000 रन,5 शतक हवा में नहीं बने। कितने खिलाड़ियों ने बनाए।
पूरे टेस्ट इतिहास में?
पर अश्विन घर का शेर है विदेशी मीडिया की नजर में।

अश्विन को घर का शेर बोलने वालों के लिए इस बात का जवाब नहीं होता कि एंडरसन और ब्रॉड भी बिल्कुल घसियाली पिचों पर और स्टार्क हेजल वुड और कमिंस उछाल भरी पिचों पर भी उतने मारक क्यों नहीं दिखते जितने अश्विन अक्षर जडेजा स्पिन पिचों पर दिखते हैं।
36 ऑल आऊट एक बार ही तो हुआ है केवल लेकिन अश्विन तो हर बार दानवीय प्रदर्शन कर जाता है भारत में।

रविंद्र जडेजा बेहद अच्छा आल राउंडर है। पेस नहीं स्पिन का सही। धोनी लाए थे इसे 2013 सीरीज में और 24 विकेट ले गया था 4 मैचों में।तब धोनी बोले थे, हमारे पास जो है, उसी से काम चलाएंगे न? बेन स्टोक्स का 31 और 36 औसत है क्रमशः गेंदबाजी और बल्लेबाज़ी का ।
जडेजा का 24 और 36 है
कौन ज्यादा अच्छा आल राउंडर लगा आंकड़ों से आपको ?

मैं यहां केवल ये कहने की कोशिश कर रहा हूं कि अपने खिलाड़ियों का सम्मान करिए।अपने खिलाड़ियों के अपने देश में किए प्रदर्शन का सम्मान करिए।
लारा और हेडन ने भी विश्व रिकॉर्ड अपने होम ग्राउंड में तोड़ा था।
तो दिल्ली में दस विकेट लेने वाले कुंबले कम नहीं उनसे

बस इतना ही।

आपका -विपुल
सर्वाधिकार सुरक्षित -Exxcricketer.com


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