लेखक -राहुल दुबे
नमस्कार मैं रवीश कुमार!!
हाथ कांप रहे हैं, धड़कने महंगाई की तरह हो गयी हैं, मनोबल टूट चुका है लेकिन फिर भी न जाने क्यों मन में एक अजीब सी चहक है,।रात के 2 बज रहे है, सड़क पर दो कुत्ते रह-रहकर बोल रहे हैं, लगता है उन्हें भी भारत की हार का गम है या फिर स्वयं की पीड़ा से परेशान हैं।रह-रहकर बारिश हो रही है, ठंडी हवाएं रह-रहकर कंपा जाती हैं।मैं बेचैन सा हुआ जा रहा हूँ , मन तो लिखने का बहुत कुछ है लेकिन हाथ गवाही नही दे रहे हैं। फिर लाल सलाम का नारा लगाकर सामने सो रहे भाई से यह सुन के कि सो जा नही तो सुबह सोने नही दूंगा की धमकी सुनकर लिखने को तैयार हूं ।कल भारत एशिया कप के Super 4 के मुकाबले में प्रिय भारत पाकिस्तान से हार चुका है, पूरे शहर में अराजक माहौल है। सोशल मीडिया पर अलग भूचाल आया हुआ है लेकिन इस हार में भी जीत देखने वाला शायद इकलौता शख्स मैं ही हूँ।आपका रवीश कुमार।
आज जब कोहली ने रन बनाए तो सब बहुत उछल रहे थे।King King करके भय का माहौल बना दिया था। मैं जानना चाहता हूं कि लोकतांत्रिक देश में ये किंग कहाँ से आ गया ? क्वीन जब एलिज़ाबेथ है ही तो ये 33 साल का लड़का King कैसे हो गया ? शायद इसी King King के कोलाहल ने भारत के हार की पटकथा लिख दी थी।।
सभी निराश है और निराशा के दौर में लोगो के दिमाग की नसें भी सुस्त हो जाती हैं।जरा सोचिए ,जो पाकिस्तान 90% बाढ़ से प्रभावित है वो कितना खुश होगा ?उसका पूर्व प्रधानमंत्री जो जेल जाने वाला है वो कितना आज खुश होगा ?उसका भगाया हुआ World Cup में बेइज्जत हुआ पूर्व कप्तान सरफराज पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहा है। बाढ़ की विभीषिका के बीच पाकिस्तान के लिए एक सुखद खबर आई है कि एक ब्राह्मण की कप्तानी वाली टीम को हराकर पाकिस्तानी टीम लगभग फाइनल में पहुंच चुकी है।ये महत्वपूर्ण है।ये क्षण मात्र की खुशी का क्या महत्व उनके लिए क्या है ? ये आप क्या समझेंगे, मैं तो अब होश में आ रहा हूँ।मुझे पाकिस्तान की खुशी में अपनी खुशी दिख रही है ।जो देश इतने परेशानियों में हो उसकी जीत पर हमें जश्न मनाना चाहिए और जरूर मनाना चाहिए।।
आज की जीत अल्पसंख्यक समाज के लिए विटामिन का काम करेगी, अल्पसंख्यक बाबर आजम के खोए हुए विश्वास को वापस पाने में मदद करेगी , देश के भी एक वर्ग में यह संदेश जाएगा कि आपके मन का भी भारत में होता है, बस थोड़ी देर से होता है।।
आज भारत की हार ये भी बताती है कि वे कमजोर नही है, और जो लोग इससे निराश हैं ,वो संघी मानसिकता के लोग हैं।अरे कुंठित मानसिकतावाले संघियों! पड़ोसी की खुशी में अपनी खुशी देखो, क्यों रो रहे हो ? आज उनकी जीत बहुत जरूरी थी ।इस समस्त ब्रह्मांड के निरंतर गतिमान रहने के लिए।बाबर आज़म की टीम ने मैच को जीतकर संसार को बचाया है।मुझे डर तो उनसे लग रहा है जो अब अगले इतवार को फाइनल जीतने का दम्भ भर रहे हैं। अरे संघियो !आज की हार के बाद हमें सम्मानवश उन्हें फाइनल की ट्रॉफी आज ही दे देनी चाहिए ताकि प्रिय पाकिस्तान अपने कठिन समय को थोड़ा और हंसी खुशी से गुजार पाए।
लेकिन इन सब के बीच मैं अर्शदीप के लिए चिंतितहूँ। बेचारे ने कैच ही तो छोड़ा। आसिफ अली का मुझे पता है उसे भारतीय गालियाँ नही देंगे ।लेकिन फिर भी अर्शदीप को गाली तो पड़ेगी ही और इसके लिए जिम्मेदार संघी ही हैं।
हार्दिक के एक मैच जिताने पर बहुत गुजरात गुजरात का नारा बुलंद हुआ था। क्या इस हार के बाद गुजरात से आने वाले प्रधानमंत्री को इस्तीफा नही देना चाहिए?
लेकिन मैं अब भी देख रहा हूँ लोग निराश हैं, गुस्से में हैं , बदले की बात कर रहे हैं। मैंने पहले ही बोला था कि कि प्रिय पाकिस्तान से बदले की भावना की होनी ही नहीं चाहिए ।हमें उनकी जीत का जश्न मनाकर बात खत्म करनी चाहिए।
बदला लेने के लिए IPL 2023 जल्द आएगा ।।
और हां जबतक हम किसी को King कहेंगे, अल्पसंख्यको को बम फोड़ने, जिहाद करने के लिए सजा देते रहेंगे ,ऐसी होगी ।जरुर होगी।
ख़ैर, मेरे कहने न कहने से क्या होता है, सब लोग अब बेसब्री से अगले इतवार का इंतज़ार करेंगे सुबह के 3 बजने वाले हैं।मैंने ट्विटर पर देखा कि अर्शदीप को गालियां मिलनी शुरू हो गयी हैं। तथाकथित किंग को समझाने के लिए सिर्फ धोनी ने टेक्स्ट सन्देश भेजा था।और नोयडा का नरेंद्र अब PKMKB लिखकर इतवार के इंतज़ार में है।
न जाने हमारा समाज कहाँ जा रहा है ?हम पड़ोसी की जीत को हजम नही कर पा रहे हैं।
ख़ैर, बारिश अब भी हो रही है, दोनों कुत्ते अब भी बोल रहे हैं। मेरे मन को इस बात से शांति है कि आज रात प्रिय पाकिस्तान बाढ़ की विभीषिका और बाकी सभी दिक्कतों को भूलकर इस्लाम की जीत का जश्न मनाएगा।।
नमस्कार।।
लेखक -राहुल दुबे
सर्वाधिकार सुरक्षित -Exxcricketer.com
Keep growing and roaring 😍