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डब्ल्यू वी रमन

भूले बिसरे खिलाड़ी
भाग 23 -डब्ल्यू वी रमन
लेखक -विपुल

विपुल

01/09/2022

बायें हाथ के सलामी बल्लेबाज

बायें हाथ के सलामी बल्लेबाज और बायें हाथ के अंशकालिक स्पिन गेंदबाज वूरकेरी रमन दक्षिण अफ्रीका की ज़मीन पर भारत के लिये सबसे पहला एकदिवसीय शतक जड़ने वाले खिलाड़ी थे।यही एक एकदिवसीय शतक इनके अंतर्राष्ट्रीय कैरियर का एकमात्र शतक रहा।

रणजी के रिकॉर्ड तोड़ खिलाड़ी

डब्लू वी रमन 1982 -83 से 1998 -99 तक मद्रास (अब तमिलनाडु )रणजी टीम से खेले।1988-89 रणजी सीजन में इन्होंने 1018 रन बनाकर एक रणजी सीजन में सबसे ज़्यादा रन बनाने का रूसी मोदी का रिकॉर्ड तोड़ा था।

नरेन्द्र हिरवानी के साथ टेस्ट डेब्यू

वेस्टइंडीज के भारत दौरे 1987-88 पर डब्ल्यू वी रमन का टेस्ट डेब्यू 11 जनवरी 1988 को चेन्नई में रवि शास्त्री की कप्तानी में नरेन्द्र हिरवानी के साथ हुआ।नंबर 4 पर उतरे और पहली पारी में 9 रन ही बना पाये।दूसरी पारी में डब्ल्यू वी रमन वन डाउन उतरे और 205 गेंदो पर 83 रन बनाये जो भारत के लिये इस पारी का सर्वाधिक स्कोर था।साथ ही चौथी पारी में एक विकेट भी लिया।
लेकिन ये टेस्ट मैच नरेंद्र हिरवानी के डेब्यू मैच में ही 16 विकेटों और कपिल देव के शतक के लिये ज़्यादा याद रखा जाता है।

इसके बाद डब्ल्यू वी रमन ने कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया।भारत के न्यूज़ीलैंड दौरे 1990 में क्राइस्ट चर्च टेस्ट की दूसरी पारी में 96 रन, और ऑकलैंड टेस्ट की दूसरी पारी में 72 नाबाद रनों के साथ डब्ल्यू वी रमन ने साबित किया कि वो स्विंग लेती परिस्थितियों में खेल सकते हैं।

1992 में भारत के दक्षिण अफ्रीका दौरे पर डब्ल्यू वी रमन एक मैच खेले जिसमें पहली पारी में 21 रन बनाए दूसरी में शून्य।इसके पहले जिम्बाब्वे के खिलाफ हरारे में एक टेस्ट खेले थे।जिसमें पहली पारी में 43 रन बनाये थे।

संघर्ष और वापसी

नवम्बर 1988 से दिसंबर 1992 तक टीम इंडिया ने 25 टेस्ट मैच खेले थे जिसमें मात्र एक भारत में था।इसने कई बल्लेबाजों की तरह
डब्ल्यू वी रमन को भी नुकसान पहुंचाया।टेस्ट टीम से बाहर कर दिये गये।


1996 में दक्षिण अफ्रीका की टेस्ट टीम भारत आई सीरीज के तीसरे कानपुर मैच में डब्ल्यू वी रमन को मौका मिला।पहली पारी में 57 रन बनाकर इन्होंने दक्षिण अफ्रीका जाने वाली टीम में जगह सुरक्षित की।भारत के दक्षिण अफ्रीका दौरे 1996 -97 में डब्ल्यू वी रमन को डरबन और केप टाउन दो टेस्ट मैचों में मौका मिला ।इन दो टेस्ट मैचों की 4 पारियों में डब्ल्यू वी रमन के स्कोर थे
0
1
5
16
केप टाउन टेस्ट के बाद डब्ल्यू वी रमन कभी टेस्ट तो क्या वनडे भी नहीं खेल पाये।

टेस्ट आँकड़े

डब्ल्यू वी रमन ने 11 टेस्ट मैचों की 19 ईनिंग में 24.88 के औसत और 37.86 के स्ट्राइक रेट से 448 रन बनाये।
4 अर्धशतक
बेस्ट 96
64.50 के एवरेज से 2 टेस्ट विकेट भी।
डब्ल्यू वी रमन उन चंद खिलाड़ियों में से एक हैं जिन्होंने अपने पहले टेस्ट ओवर में विकेट पाया है।

एकदिवसीय कैरियर

डब्ल्यू वी रमन का एकदिवसीय डेब्यू 2 जनवरी 1988 को कोलकाता में वेस्टइंडीज के विरुद्ध रवि शास्त्री की कप्तानी में हुआ।8वें नम्बर पर उतरे ,8 ही रन बनाये नाबाद।

अगले ही वनडे में डब्ल्यू वी रमन तीसरे नम्बर पर उतारे गये।95 रन बना दिये ।
डब्ल्यू वी रमन 1993 तक वनडे टीम में आते जाते रहे। कुछ खास प्रदर्शन नहीं रहा।11 दिसम्बर 1992 को सेंचुरियन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 114डब्ल्यू वी रमन का एकमात्र इंटरनेशनल शतक रहा।

इंदौर में नवम्बर 1993 में जिम्बाब्वे के खिलाफ 0 बनाने के बाद वनडे टीम से भी बाहर हुए।मात्र एक मैच के लिये 3 साल बाद वापस आये।14 दिसम्बर 1996 को वानखेड़े में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे इनका अंतिम वनडे इंटरनेशनल रहा जिसमें इन्होंने 25 रन बनाये थे ।

एकदिवसीय आँकड़े

डब्ल्यू वी रमन ने 27 वनडे इंटरनेशनल में 23.73 के एवरेज और 55.63 के स्ट्राइक रेट से 617 रन बनाये।
1 शतक
3 अर्धशतक
बेस्ट 114।
85 के एवरेज से 2 वनडे विकेट।

प्रथम श्रेणी रिकॉर्ड

डब्ल्यू वी रमन के प्रथम श्रेणी में 45 के एवरेज से 7939 और लिस्ट ए में 35 के एवरेज से 2892 रन हैं।
85 प्रथम श्रेणी और 18 लिस्ट ए विकेट हैं इनके नाम।

कोचिंग कैरियर

डब्ल्यू वी रमन का कोचिंग कैरियर भी अच्छा रहा है।इन्होंने तमिलनाडु ,पश्चिम बंगाल रणजी टीम को कोचिंग दी है।आईपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब और कोलकाता नाईट राइडर्स के सहायक कोच रहे हैं।नेशनल क्रिकेट एकेडमी में काम किया है।भारत की अंतर्राष्ट्रीय महिला टीम के कोच रहे हैं।
आपका -विपुल

विपुल


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3 thoughts on “भूले बिसरे खिलाड़ी -23

  1. W V Raman ko jyada chance Milne chahiye the because he had the potential to score runs in difficult wickets…

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