भारत बनाम पाकिस्तान
आपका -विपुल
तो ये कहानी उन दिनों की है जब कारगिल में पाकिस्तानी घुसपैठ की खबर भारतीय जवानों को नहीं लग पाई थी।
अटल बिहारी भाजपाई और मुहम्मद नमाज शरीफ अमन की आशा के टोकरे एक दूसरे की तरफ हँस हँस कर सरका रहे थे।
मोहम्मद अजहरुद्दीन सचिन को कलाकारी दिखाकर दोबारा कप्तान बन चुके थे।
लक्ष्मण वेरी वेरी स्पेशल नहीं बने थे, द्रविड़ दीवार नहीं जैमी कहे जाते थे और कुंबले जम्बो।
सौरव गांगुली दादा नहीं प्रिंस ऑफ कलकत्ता थे और बेस्ट टाइमर ऑफ द बौल भी।
श्रीनाथ सनसनाते थे और समां बाँध देते थे।
तब की बात है
चेन्नई की बात है।
सर्दियों की बात है
28 जनवरी 1999 की बात है।
पहला दिन
सचिन तेंदुलकर के डेब्यू के बाद पहली बार टेस्ट सीरीज खेलने पाकिस्तान टीम भारत आई थी।और इस दरम्यान जमाना सोनम औऱ किमी काटकर जैसी अतरंगी शख्सियतों से करण जौहर औऱ मनीष मल्होत्रा जैसी सतरंगी शख़्सियतों पर आ चुका था ।
लगभग 1/10 शताब्दी गुज़र चुकी थी।
इसलिये पाकिस्तान को टॉस जिताया गया ।
मेहमाननवाजी नाम की भी एक चीज़ होती है न ?
चूँकि इस सीरीज में केवल सीरियस बातें होंगी किसी का मज़ाक नहीं उड़ाया जाएगा ।इसलिए बाबा सराय के कुंजड़ों के रिश्तेदार सईद अनवर को हम केवल अनवर कहेंगे ।वैसे भी मोहंती भारतीय टीम में नहीं थे जो अनवर को निकल bsdk बोलते
तमिलनाडु के सदगोपन रमेश का डेब्यू हुआ था सलामी बल्लेबाज के तौर पर ।
आफरीदी की सीरियस होकर उम्र बता रहा हूँ।
तब अफरीदी 18 साल के पूरे नहीं हुए थे।2 दिन कम थे।
तो नाबालिग शाहिद अफरीदी और बालिग सईद अनवर सलामी देने आये।सुबह के भूखे श्रीनाथ और प्रसाद के आगे।श्रीनाथ के राइस में प्रसाद ने अंडा करी मिला दी थी।इसलिए शाकाहारी श्रीनाथ ने कुछ खाया नहीं था ।
ये बताना ज़रूरी नहीं समझा कि पाकिस्तान के कप्तान वसीम अकरम ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी का फ़ैसला क्यों लिया ?
दरअसल उन्हें जो कप्तानी की किताब इमरान खान ने सौंपी थी उसमें केवल दो पन्ने थे ।पहले पर लिखा था।टॉस जीतने के बाद तुरंत बैटिंग लो।
दूसरे पर लिखा था।
यास्मीन मेरी जान।
अनादि काल से भारत के गेंदबाजों के लिये नरम चारे के रूप में प्रयुक्त होते रहे शाहिद आफरीदी ( 11 ) को श्रीनाथ ने 9वें ओवर में डोना के शोना के हाथों कैच करवा दिया।और अपने अगले ओवर में अनवर (24 ) को भी वायलेंट होने के पहले साइलेंट कर दिया। पगबाधा आउट करके ।पाकिस्तान का स्कोर 41 था तब।
सनसनाते श्रीनाथ और बलबलाते वेंकटेश प्रसाद की गेंदबाजी से अभी पाकिस्तानी बल्लेबाज उभर भी नहीं पाये थे कि उनका पाला करामाती कुंबले से पड़ गया।
कुंबले ने पहले आलू को खुद की ही गेंद पर कैच किया और फिर इजाज अहमद को अपनी 130 किलोमीटर की स्पिन गेंद से पगबाधा।
आलू 10 रुपये में बिका।
इजाज ने 13 बनाए थे लंच के पहले ही स्कोर 66 /4 हो चुका था।
20 ओवर पूरे नहीं हुये थे।सलीम मलिक औऱ मुहम्मद यूसुफ ने लंच तक कोई विकेट नहीं गिरने दिया।
लंच के बाद श्रीनाथ का शायद दूसरा ही ओवर था श्रीनाथ ने सलीम मलिक 8 (34) के डंडे उखाड़ दिये।स्कोर 91/5
श्रीनाथ का गेंदबाजी एवरेज भले 30 का रहा हो पर जब भी वो अपनी रौ में होते थे,आग लगा देते थे
गेंद गोली सी निकलती थी
बल्लेबाज को केवल सांय सांय ,धायं धायं और ठांय ठांय सुनाई देती थी ।
यहाँ से मोइन खान ने मोहम्मद यूसुफ का साथ दिया और लगभग पूरा दूसरा सेशन खेल ले गए पहले दिन का।
टी से 20 मिनट पहले तत्कालीन भारत में पनघट से मरघट तक और कलकत्ता से कालीकट तक समान रूप से लोकप्रिय सचिन तेंदुलकर ने अपना कमाल दिखाया
मुहम्मद यूसुफ पगबाधा बोल्ड एस तेंदुलकर
53 (107)
154/6
वसीम अकरम की गेंदबाजी बहुत अच्छी थी लेकिन बल्लेबाज भी ठीक ठाक थे।मोइन खान का अच्छा साथ दिया।टी तक कोई विकेट नहीं गिरने दिया।टी के बाद भी अकरम ज़िम्मेदारी से खेल रहे थे पर मोइन खान 60(117) पर कुंबले ने फिरकी का फंदा डाल दिया ।स्कोर 214 /7
कैच किसने पकड़ा ?
जो अभी bcci प्रेसिडेंट है।उसने।
8वें विकेट के रूप में पाकिस्तानी कप्तान वसीम अकरम 38 रन बनाकर कुंबले की गेंद पर लक्ष्मण के हाथों कैच आउट हुये।227 के स्कोर पर ।
इसके बाद सकलैन मुश्ताक और नदीम अहमद को भी कुंबले ने बिना नमक लगाए चबा लिया।
पाकिस्तान की पूरी टीम 80 ओवर खत्म होने के 1 गेंद पहले 238 पर आल आउट हुई।
अनिल कुंबले ने 70 रन देकर 6 और श्रीनाथ ने 63 रन देकर 3 विकेट लिये।।
सचिन तेंदुलकर ने मात्र 3 ओवर फेंके थे और मुहम्मद यूसुफ का बेशकीमती विकेट लिया था।
मैं हमेशा कहता आया हूँ कि सचिन इतने अच्छे बल्ल्लेबाज थे कि उनकी गेंदबाजी पर लोगों ने ज़्यादा ध्यान ही नहीं दिया।
बहुत टर्न करा लेते थे गेंद।
तमिलनाडु के ओपनर सदगोपन रमेश का डेब्यू था।रात तक उन्हे पता नहीं था कि उनका ओपनिंग पार्टनर कौन होगा।रात में दस बजे उन्हें पता चला कि अज़हर सचिन गांगुली और द्रविड़ के प्यार से समझाने पर लक्ष्मण ओपनिंग करने को मान गये थे।पर उन्हें ये नहीं समझ आया कि इन सब के हाथ में चाकू क्यों था ? और लक्ष्मण इतने घबराये हुये क्यों थे ?
तो रमेश और लक्ष्मण ओपनिंग करने उतरे।पहले दिन के अंतिम कुछ ओवरों में और बिना विकेट गंवाये 48 रन बना ले गए।
पहले दिन भारत हावी रहा था पूरी तरह।
दूसरा दिन
अगले दिन 10 ओवर भी पूरे नहीं हुए थे कि 104 के स्ट्राइक रेट से 41 गेंदो पर 43 रन बनाने वाले रमेश और 45 गेंदों पर 23 रन बनाने वाले लक्ष्मण को वसीम अकरम ने अपना शिकार बना लिया था।
67 के टीम स्कोर पर रमेश आउट हुये थे।71 के स्कोर पर लक्ष्मण आउट हुये।
भारतीय टीम इन दोनों झटकों से अभी उबर भी नहीं पाई थी कि
बला की बिज़ली गिरी!
सन्नाटों का तूफान आया !
ख्वाहिशों ने ख़ुदकुशी की !
औऱ
चुप्पियों का फरमान आया।
सचिन तेंदुलकर कैच सलीम मलिक बोल्ड सकलैन मुश्ताक 0 (3)
भारत 72 /3
16 ओवर हुये थे पारी के
दिन के 8
गुमसुम खेमा
भारत का ही था।
103 के स्कोर पर अज़हर भी निकल लिये 11 रन बनाकर,लंच के पहले ही ।
ज़्यादातर बार की तरह इस बार भी द्रविड़ पर पूरी जिम्मेदारी डाल दी गई थी ।और तब उनका साथ देने शेरे बंगाल सौरव गांगुली उतरे।
लंच तक कोई विकेट नहीं गिरने दिया दोनों ने ।
लंच के बाद खरामा ख़रामा भारतीय टीम का स्कोर 156 पर पहुंचा था कि द्रविड़ को सकलैन मुश्ताक ने पगबाधा आउट कर दिया।।द्रविड़ ने 113 गेंदों पर 53 रन बनाए थे।
10 रनों बाद 166 के स्कोर पर नयन मोंगिया 5 रन बनाकर और 20 रनों बाद 4 रन बनाकर कुंबले भी सकलैन के शिकार बने।
स्कोर 188/7
सुनील जोशी कर्नाटक के बाएं हत्था स्पिनर थे जो घरेलू क्रिकेट के अच्छे स्पिन ऑल राउंडर माने जाते थे उन्होंने गांगुली का अच्छा साथ दिया।लेकिन 229 के स्कोर पर 138 गेंदों पर 54 रन बनाने के बाद सौरव आफरीदी की गेंद पर इजाज को कैच दे बैठे।श्रीनाथ ने 10 प्रसाद ने 4 रन बनाये।जोशी 25 नाबाद रहे।
भारत ने 81 ओवर 1 गेंद खेल कर दसों विकेट गिरवा कर 254 रनों का आंकड़ा पाया था।
द्रविड़ ने 53 बनाये थे गांगुली ने 54 ।
सकलैन मुश्ताक ने 5 ,आफरीदी ने 3 ,अकरम ने 2 विकेट लिये थे।
लगभग 12 13 ओवर का दूसरे दिन का खेल बाकी था इस स्पिन होती टूटती पिच पर ।
पारी के चौथे और अपने दूसरे ही ओवर में प्रसाद ने अनवर को पगबाधा आउट कर दिया।दिन का खेल पाकिस्तान 34 /1 पर खत्म हुआ।
तीसरा दिन
टेस्ट के तीसरे दिन दूसरे ही ओवर में कुंबले ने इजाज (11) को कॉट एंड बोल्ड कर दिया ।पर इंजमाम टिक गये और आफरीदी के साथ 97 रनों की पार्टनरशिप कर गए।74 गेंदों पर 51 रन बनाकर जब इंजमाम आउट सचिन की गेंद पर लक्ष्मण के हाथों कैच आउट हुये तब पाकिस्तान का स्कोर 139 पर 3 हुआ।
25 गेंदों पर ताबड़तोड़ 26 रन बनाने के बाद मोहम्मद यूसुफ सचिन की गेंद पर 169 के टीम स्कोर पर बोल्ड हो गये।सलीम मलिक ने आफरीदी का अच्छा साथ दिया।106 रनों की पार्टनरशिप की और 275 के टीम स्कोर पर 32 रन बनाकर जोशी की गेंद पर द्रविड़ के हाथों कैच आउट हुये।
इधर आफरीदी शतक लगा चुके थे।
इसके बाद इस मैच में एक और ज़बरदस्त टर्न आया।
स्पिन की मददगार इस पिच पर सीमर वेंकटेश प्रसाद ने अपना जलवा दिखाया।278 पर मोइन खान (3) ,279 पर शाहिद आफरीदी (139)
प्रसाद का शिकार बने।बाकी दोनों विकेट भी प्रसाद के नाम रहे।
पाकिस्तान 275/5 से 286 आल आउट
प्रसाद के आंकड़े
10.2-5-33-6
मुख्य स्पिनर कुंबले और जोशी ने एक एक विकेट लिया था।
पार्ट टाइम स्पिनर सचिन ने 2 विकेट लिये।
भारत को जीत के लिये 271 रनों का टारगेट मिला
सवा दो दिन का खेल बाकी था।
भारत की दूसरी पारी में 34 गेंदे ही फ़ेंकी गई थीं और सदगोपन रमेश (5) और वीवीएस (0) वकार का शिकार होकर ड्रेसिंग रूम में जा चुके थे।
तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक भारत का स्कोर 40/2 था।
द्रविड़ 8*
सचिन 20*
चौथा दिन
चौथे दिन का खेल शुरू हुआ।
चौथे ही ओवर में द्रविड़ 10 (55) आउट।बोल्ड वसीम अकरम।
द्रविड़ का स्ट्राइक रेट 18 था।
अज़हर 7 रन
गांगुली 2 रन
बनाकर सकलैन मुश्ताक का शिकार बने
भारत 82/5
सचिन के कंधों पर फिर वो भार आया जिसे वो एक दशक से अकेले ही ढोते आये थे हमेशा ।
सचिन को नयन मोंगिया का अच्छा साथ मिला।
सचिन ने उस रोज दिखाया कि क्यों वो भारतीय क्रिकेट के अनमोल हीरे थे।
गेंदबाज़ों की जन्नत बन रही चौथी पारी की टूट रही पिच पर यादगार पारी
शतक जड़ दिया
218 के स्कोर पर नयन मोंगिया 135 गेंदों पर 152 रन बनाकर आउट हो गए।सुनील जोशी आये सचिन के साथ क्रीज़ पर।
254 स्कोर पहुंच चुका था ।मात्र 17 रन और बनाने थे।
हां ,एक बात बताने को रह गई ।
सचिन की पीठ में खिंचाव आ चुका था ।वो चोटिल थे।
273 गेंदों पर 136 रन बना चुके सचिन लक्ष्य से 17 रन पहले सकलैन मुश्ताक की गेंद पर एक गलत शॉट खेल गये।वसीम अकरम ने कैच कर लिया।
भारत 254/7
17 रन बाकी 3 विकेट हाथ में।
लेकिन 2 रनों बाद 256 के स्कोर पर कुंबले की एड़ी में अकरम ने गेंद मारी।कुंबले (1) पगबाधा।
256 के स्कोर पर ही सुनील जोशी (8)को सकलैन ने कॉट एंड बोल्ड कर दिया।
258 पर श्रीनाथ सकलैन की गेंद पर बोल्ड।
भारत 12 रनों से मैच हारा।
सकलैन ने 5 ,अकरम ने 3 ,वकार ने 2 विकेट लिये।
चौथी पारी में लक्ष्य का पीछा करते हुये शानदार 136 रन बनाने वाले और मैच में 3 विकेट लेने वाले तेंदुलकर मैन ऑफ द मैच रहे।
ये सचिन की सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक थी।दूसरे छोर से सहयोग न मिलने के कारण जिता नहीं पाये।
90 के दशक की टीम इंडिया सचिन पर इतनी निर्भर थी।
17 रन भी न बना सकी सचिन के आउट होने के बाद।
1999 भारत बनाम पाकिस्तान के दूसरे टेस्ट का इंतज़ार करें।
आपका -विपुल
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