भूले बिसरे खिलाड़ी
भाग 21 – टीनू योहानन
लेखक -विपुल
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केरल के पहले टेस्ट क्रिकेटर
6 फुट 4 इंच लंबे दायें हाथ के मध्यम तेज़ गेंदबाज टीनू योहानन केरल के पहले ऐसे क्रिकेटर थे जिन्हें टीम इंडिया के लिए खेलने का मौका मिला। टीनू योहानन के पिता टी सी योहान्नन एक एथलीट से जो लॉन्ग जंपर थे जिनके नाम लगभग 30 वर्ष तक राष्ट्रीय खेलों में सबसे लंबी कूद लगाने का रिकॉर्ड रहा।
यूं तो यूं तो टीनू योहानन की शुरुआत भी एक एथलीट के तौर पर हुई थी और इन्होंने जूनियर लेवल पर हाई जंप में एक स्वर्ण और एक रजत पदक जीता लेकिन समय के साथ इन्होंने क्रिकेट को चुना और यह 1999 में केरल की रणजी टीम में चुने गए।सन 2000 में टीनू योहानन का चयन नेशनल क्रिकेट अकादमी में हुआ और टीनू योहानन भारत के अगले मध्यम तेज गेंदबाज के रूप में उभरे।
मोहाली में मौका
यह वह समय था जब श्रीनाथ अपने कैरियर के आखिरी दौर में थे और भारत मध्यम तेज गेंदबाजों के नए विकल्प खोज रहा था ऐसे समय में टीनू योहानन को इंग्लैंड के विरुद्ध 3 दिसम्बर 2001 को मोहाली प्रारम्भ हुये टेस्ट मैच में मौका दिया गया।
अपने पहले अंतरराष्ट्रीय ओवर की चौथी ही गेंद पर टीनू योहानन ने इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज मार्क बूचर को लक्ष्मण के हाथों स्लिप में कैच करा दिया।और पारी के 35 वें ओवर में इंग्लैंड के दूसरे ओपनर मार्क ट्रेसकोथिक को बोल्ड मार दिया।
इस मैच की पहली पारी में टीनू योहानन के गेंदबाजी आंकड़े 18-3-75-2 रहे और दूसरी पारी के गेंदबाजी आंकड़े 17-3-56-2 रहे।
दोनों ही पारियों में टीनू योहानन ने पहला ओवर फेंका था और दोनों सलामी बल्लेबाज़ों को आउट किया था।
11 दिसंबर 2001 को अहमदाबाद में शुरू हुये इंग्लैंड के विरुद्ध इसी सीरीज के अगले टेस्ट मैच में टीनू योहानन पहली पारी में 17 और दूसरी पारी में 4 ओवर फेंकने के बावजूद विकेट रहित रहे।इसीलिए सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच में नहीं खिलाये गये।
दूसरा मौका
इसके बाद टीनू योहानन को टेस्ट मैचों में तीसरा मौका न्यूज़ीलैंड के खिलाफ हैमिल्टन में 19 दिसम्बर 2002 को शुरू हुये मैच में मिला।इस टेस्ट मैच की पिच तेज़ गेंदबाज़ों के लिये स्वर्ग थी।
भारत का पहली पारी में स्कोर 99 और न्यूज़ीलैंड का 94 था ।
वहीं दूसरी पारी में भारत 154 पर आल आउट हो गया। न्यूज़ीलैंड ने लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा किया लेकिन 6 विकेट खोकर।
ज़हीर खान ने पहली पारी में 5 और आशीष नेहरा ने दूसरी पारी में 3 विकेट लिये थे।
टीनू योहानन पूरे मैच में मात्र एक विकेट ले पाये थे ,दूसरी पारी में ओपनर लू विंसेंट का।
यही टेस्ट मैच टीनू योहानन के क्रिकेट कैरियर का आखिरी टेस्ट मैच साबित हुआ।
एकदिवसीय कैरियर
मई जून 2002 में भारत ने वेस्टइंडीज का दौरा किया था और ब्रिजटाउन में 29 मई 2002 को वेस्टइंडीज के खिलाफ टीनू योहानन का एकदिवसीय डेब्यू हुआ।
भारत ने पहले गेंदबाजी की और टीनू योहानन ने वेस्टइंडीज के दोनों सलामी बल्लेबाजों क्रिस गेल और वावेल हिँड्स का विकेट सस्ते में हासिल किया।तीसरा विकेट रिडले जैकब्स का लिया और मैच में टीनू योहानन के गेंदबाजी आंकड़े 10 -1-33-3 रहे।
इसी सीरीज के अगले पोर्ट ऑफ स्पेन में हुये मैच में टीनू योहानन ने 5 ओवर में 2 विकेट हासिल करने के लिये 50 रन दे दिये।भारत मैच हारा।
टीनू योहानन इंग्लैंड में हुई उस प्रसिद्ध नेटवेस्ट ट्रॉफी में भी टीम का हिस्सा थे जो मोहम्मद कैफ के 87 रनों और सौरव गांगुली के शर्ट उतारने के कारण प्रसिद्ध है।
इस नेटवेस्ट त्रिकोणीय श्रृंखला के ब्रिस्टल में 11 जुलाई 2002 को हुये भारत बनाम श्रीलंका एकदिवसीय मैच में टीनू योहानन अंतिम एकादश में थे ।
इस मैच में टीनू योहानन ने 5 ओवरों में 39 रन दे दिये थे बिना कोई विकेट लिये।
यही एकदिवसीय मैच टीनू योहानन के कैरियर का आखिरी एकदिवसीय मैच साबित हुआ।
कैरियर आँकड़े
टीनू योहानन ने 3 टेस्ट मैच खेले हैं और 6 पारियों में 51.20 के गेंदबाजी औसत और 97.20 के स्ट्राइक रेट से 5 विकेट लिये हैं।
बेस्ट 2/56।
खास बात है कि इनके टेस्ट मैचों में लिये गये सभी 5 विकेट सलामी बल्लेबाज़ों के हैं।
टीनू योहानन ने 3 एकदिवसीय मैचों में 24.40 के गेंदबाजी एवरेज और 6.10 की इकोनॉमी से 5 विकेट लिये हैं।
बेस्ट 3/33 रहा है।
टीनू योहानन का प्रथम श्रेणी गेंदबाजी एवरेज 33.57 और लिस्ट ए का गेंदबाजी एवरेज 28.73 है।
ज़्यादा मौके नहीं मिले
ज़हीर खान और आशीष नेहरा के बाद इरफान पठान एस श्रीसंत और लक्ष्मीपति बालाजी के अच्छे प्रदर्शन के कारण टीनू योहानन को एक और वापसी का मौका नहीं मिला जिसके वो हकदार तो थे ही।
आपका – विपुल
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