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लेखक -राहुल दुबे

राहुल दुबे

28 फरवरी 2012
हल्की हल्की सर्दी थी ।
उस समय मैं class 3rd में था लेकिन क्रिकेट खेलने और देखने की लत लग चुकी थी, अब तो लड़के इस उम्र में क्रिकेट के बारे मे कुछ जानते ही नही है।
स्कूल बस घर से मात्र 50 मीटर दूर रुकती थी, आज का दिन CB series में भारत के लिए भारी था ।भारत अपने पिछले तीन मैच बडे अंतर से हारा था तीनो बार चेस करते वक्त, और एक मैच अंपायर की बेवकूफी के कारण टाई हो गया था।अंपायर ने शायद 48वे या 49वे ओवर में एक गेंद कम फ़ेंकवाई थी।

मैं अपने पीठ पर बैग टांगे दौड़ते हुए आया और मेरे घर मे ये नियम है कि बिना जूता खोले आप अंदर नही जा सकते। लेकिन क्रिकेट के नशे में चूर मैं घर के अंदर दौड़ते गया और टीवी चालू कर दी, श्रीलंका ने भारत को 321 का लक्ष्य दिया था और यदि भारत को टूर्नामेंट में बने रहना था तो उस लक्ष्य को 40 या उससे कम ओवर में प्राप्त करना था,।जब मैंने टीवी चालू की तब कोहली और गंभीर खेल रहे थे । कुछ देर बाद गम्भीर अर्धशतक बनाकर रन आउट हुए ।
मुझे जीत की उम्मीद कम ही लग रही थी!
लेकिन स्कूल से लौट कर मुझे इस बात की तनिक चिंता न थी कि ड्रेस निकालकर खाना खा लेते है।
घर मे क्रिकेट के लिए कोई रोक टोक न थी इसलिए खाना खाने की भी फिक्र न थी
अब क्रिकेट पर आते है, स्टाइलिश दिख रहा कोहली लय बांध रहा था और उस दिन कोहली ने अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में चल रहे मलिंगा को एक ओवर में 24 रन मारे थे, मलिंगा साब ने उस दिन 7.4 ओवर में 96 रन दिए थे।
यदि कोटे के बचे ओवर भी पहले फेंक दिए होते तो शायद वनडे क्रिकेट में सबसे खराब फिगर मलिंगा साब के नाम होता उस दिन कोहली ने 86 गेंद में 133 रन मारे थे, भारत ने 321 का भारी भरकम लक्ष्य मात्र 36.4 ओवर में ही चेस कर लिए था ।गौरतलब हो कि भारत की पिछले तीन मैच में हार चेस करते ही हुई थी, शायद 28 फरवरी 2012 कोहली के एक नए युग की शुरुआत थी King Kohli कहलवाने की शुरुआत थी।
Chase Master का टैग पाने की शुरुआत थी
दिल्ली के एक साधारण परिवार से आने वाला विराट कोहली 29 फ़रवरी के अखबारों की सुर्खियों में था।
अगले महीने बंगलादेश में होने वाले एशिया कप के लिए कोहली को उपकप्तान बनाया गया।
24 साल के कोहली की ये नई शुरुआत थी और फिर एशिया कप में 18 मार्च को कोहली ने बताया वो विराट क्यों है, पाकिस्तान के 330 के लक्ष्य का पीछा करते हुए कोहली ने अकेले 183 रन मारे थे पाकिस्तान के खिलाफ कितना प्रेशर होता है ये सबको पता है, उसी साल विश्वकप में पाकिस्तान को कोहली ने फिर आड़े हाथों लिया , 2013 में कोहली ने भारत के लिए सबसे तेज वनडे शतक का रिकॉर्ड बनाया जो आजतक बड़े-बड़े स्वघोषित हिटर बल्लेबाजों के आने के बाद भी कायम है ।
साल 2014 में कोहली ने T20 विश्वकप में 319 रन बनाये थे अपने दम पर भारत को फाइनल तक ले गया था।

2014 कोहली के लिए Turning point साबित होने वाला था T20 वर्ल्डकप में बेहतरीन प्रदर्शन करने के बाद कोहली के फॉर्म में गिरावट आ गयी थी।
आईपीएल में भी कोहली के बल्ले से रन नही निकले ।RCB की टीम उसकी कप्तानी में लचर प्रदर्शन कर रही थी इंग्लैंड दौरे पर Test मैचों में कोहली के बल्ले से 10 इनिंग में मात्र 135 रन निकले थे, मुझे आज भी याद है जब कोहली Lords टेस्ट में एंडरसन के सामने था तब इंग्लिश Commentator ये बोल रहा था Probably the world current best young batter is up against the current best bowler .
लेकिन कोहली ने इस पूरे सीरीज में निराश किया कुछ महीने पहले तक जिस कोहली के बल्ले से रन आसानी से निकल रहे थे उस कोहली को यह नही पता था कि उसका ऑफ स्टंप कहाँ है?, लियोम प्लंकेट की कोहली की ऑफ स्टंप उड़ाने वाली गेंद ,आज भी मुझे उसके सबसे अजीबोगरीब आउट होने के तरीकों में टॉप पर दिखता ह।, खैर समय बीता साल वही था बस अब महीना बदल गया था।

समय था भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया के बहुप्रतीक्षित टेस्ट सीरीज बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी का ।
फिल ह्यूज की दुखद मृत्यु के कारण पहला टेस्ट कुछ दिनों के बाद शुरू हो रहा था ।
सबकी नजर स्टार बन चुके कोहली पर थी, क्रिकेट प्रेमियों को ये देखना था कि क्या कोहली इंग्लैंड में अपने घटिया खेल को पीछे छोड़कर यहां स्वयं को साबित कर पाएंगे या फिर अब समय है कि कोहली सिर्फ सीमित ओवर क्रिकेट पर ही ध्यान दे?
मैच से ऐन वक्त पहले पता चला कि भारत के रेगुलर कप्तान धोनी चोटिल है इसलिए इस टेस्ट में कप्तानी विराट कोहली करेंगे कोहली के सामने अब दो-दो परीक्षाएं थी, एक तो खुद को सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज साबित करना ,और दूसरा स्वयं को धोनी का उत्तराधिकारी भी साबित करना ।
क्या गजब खेला उस टेस्ट मैच में कोहली ?
अकेले भारत के लिए लड़ रहा था ।
दोनों पारियों में शतक, चौथी पारी में ऑस्ट्रेलिया में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोहली ने भारत को जीत को लगभग जीत दिला दी थी यदि एडीलेड में उस दिन भारत की पारी मुरली विजय के विकेट के बाद ताश के पत्तो की तरह न झड़ी होती
अभी कुछ दिनों पहले लोगो को बाबर आजम के पाकिस्तान में चौथी पारी में शतक लगाने पर Orgasm आ रहा था लेकिन कोहली के इस मास्टर क्लास को लोग भूल ही चुके हैं।
इंग्लैंड की निराशा को पीछे छोड़ते हुए कोहली ने इस बॉर्डर गावस्कर ट्रोफी में करीब 600 रन बनाए थे। लगभग हर मैच में कोहली भारत के बैटिंग का हिस्सा पकड़ के रख रहा था, तीसरे टेस्ट के ड्रा होने के बाद धोनी ने टेस्ट मैचों से सन्यास की घोषणा कर दी।
अब कप्तान कोहली का युग था, और इस जिम्मेदारी को कोहली ने क्या बखूबी निभाया ।
जब कप्तानी मिली तब भारत टेस्ट रैंकिंग में 7वे स्थान पर था और उसके बाद कोहली ने भारत को साल 2016,17,18,19,20,21 तक लगातार नंबर एक रैंकिंग पर बनाये रखा।
ये कोहली के कप्तानी का करिश्मा था कि जिस भारत के तेज गेंदबाजों को कोई किसी श्रेणी में बेहतर नही मानता था, कोहली ने भारतीय गेंदबाजी आक्रमण को सबसे धारदार बनाया।
साल 2018 में कोहली ने इंग्लैंड दौरे पर 5 मैचों में 592 रन बनाए और वो एंडरसन जिसने कोहली को 2014 में खूब परेशान किया था ,वो कोहली को एक बार भी आउट नही कर सका। ये था कोहली का स्वैग

कोहली की कप्तानी में भारत ने 2018 में पहली बार ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीती, साउथ अफ्रीका में भी जीत के करीब होने के बावजूद हारे, 2021 में इंग्लैंड से Test सीरीज में 2-1 की लीड ली , भारत को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के पहले संस्करण में फाइनल तक पहुचाया ।
कोहली ने अबतक 101 टेस्ट मैचों में 8 हजार से अधिक रन बनाए है जिसमे 27 टेस्ट शतक भी है, जो वर्तमान टेस्ट फॉरमेट खेल रहे बल्लेबाजों में संयुक्त रूप से सर्वाधिक हैं।
। कोहली ने पिछले 2 वर्षो में संघर्ष किया है, इसके बावजूद भी उसके बल्ले से रन निकले हैं अभी 1 जुलाई से इंग्लैंड से होने वाले एकमात्र टेस्ट में कोहली से सबकी उम्मीदे रहेंगी।

अब कोहली के एकदिवसीय आंकड़ों की बात कर लेते हैं।कोहली वनडे फॉरमेट का किस स्तर का बल्लेबाज है आप इस बात का अंदाजा इससे लगा सकते है कि साल 2011 से आजतक कोहली भारत के लिए प्रत्येक वर्ष टॉप रैंकर रहा है।कोहली ने वनडे में अबत क 260 वनडे मैचेस में करीब 59 की औसत से 12 हजार से अधिक रन बनाए है। उस दौरान कोहली ने 43 शतक भी लगाए है जो करीब 500 वनडे खेलने वाले सचिन से मात्र 8 कम है।

उसी प्रकार T20s में कोहली पूरे विश्व मे सर्वाधिक रन बनाने वाला बल्लेबाज है ।कोहली एकमात्र ऐसा बल्लेबाज है जिसने तीनो फॉर्मेट में करीब 50 की औसत से रन बनाए है और T20 में 50 का औसत होने से आप समझ सकते है कि कोहली कितना श्रेष्ठ है।।

**कोहली की कप्तानी
साल 2014 में टेस्ट की कप्तानी मिलने के बाद कोहली ने भारत को नया टेस्ट पावर हाउस बनाया ,जो किसी भी धरती पर मैच जीत सकता है, भारत Test में 6 साल तक लगातार नंबर 1 पर रहा।
कोहली ने भारत का 68 टेस्ट मैचों में नेतृत्व किया जिसमें भारत को सर्वाधिक 40 मैचों में जीत दिलाई।।

वनडे की कप्तानी साल 2017 में मिलने के बाद भारत को चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल पहुँचाया, 2019 WC के सेमीफाइनल में पहुंचाया, 65 मैचों में जीत दिलाई।।
T20 में भारत को 30 मैचों में जीत दिलाई ।
लेकिन इन शानदार रिकार्ड्स के बाद भी कोहली को उसकी कप्तानी के लिए ट्रोल किया जाता है।
कोहली के आलोचक कोहली के टेस्ट मैचों योगदान को दरकिनार कर देते है क्योंकि उनके अनुसार आईपीएल की ट्रॉफी ही सबकुछ है।।

**कोहली की व्यक्तिगत उपलब्धियां
*कोहली ODI में विश्व मे सबसे तेज 10 हजार, 11 हजार, 12 हजार रन बनाने वाला बल्लेबाज है।।
*कोहली ने अबतक 70 शतक बनाये है, जो सचिन और पोंटिंग के बाद सर्वाधिक है।
*कोहली ने अबतक अकेले 11 ICC Awards जीते है जो पाकिस्तान और साउथ अफ्रीका से भी अधिक है।।
*कोहली को पिछले दशक के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया है।।
*कोहली विश्व मे एकमात्र बल्लेबाज है जिसने अबतक तीनों फॉरमेट में 50 की औसत बनाये रखी है।।
*लगातार दो T20 WC में Man of the टूर्नामेंट आसान नही है, 2016 के WC में कोहली के 282 के बाद भारत के लिए सर्वाधिक रन MS धोनी ने 89 बनाये थे।
निस्संदेह विराट कोहली सदी का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज है लेकिन मैं एक युग के खिलाड़ी को दूसरे युग के खिलाड़ी से तुलना करने में विश्वास नही रखता कोहली अपने साथ खेलने वाले वर्तमान खिलाड़ियों की तुलना में मिलो आगे है, चाहे इसके लिए आप कुछ भी कहे, कोहली की महानता को कमतर आंकने के लिए आप फालतू के दन्त कथाओं को हवा दे सकते है ,
लेकिन कोहली सर्वश्रेष्ठ है ये किसी से नही छुपा है और ना कोई इसे नकार सकता है, कोहली ने एंडरसन , डेल स्टेन,ब्रॉड ,रबाडा ,जॉनसन, स्टार्क , कम्मिन्स, हेजलवुड जैसे गेंदबाजों को पीटा है जो किसी भी तरह पुराने अच्छे गेंदबाजों से कम नही हैं।

हाँ, कुछ मौकों पर भाग्य ने कोहली का साथ नही दिया है,लेकिन भाग्य के एक फैक्टर होने के कारण किसी महान खिलाड़ी को टारगेट करना हमें शोभा नही देता है।यदि कोहली स्कोर करेगा तो उससे भारतीय टीम को ही लाभ होगा।
यदि कोहली 2022 T20 WC में अच्छा करे तो शायद हम 15 वर्ष बाद T20 WC भी जीत सकते है,इसलिए उनलोगों को शर्म आनी चाहिए जो प्रत्येक दिन सिर्फ कोहली को इसलिए गाली दे रहे है क्योंकि वो उनके पसंदीदा खिलाड़ी से बेहतरीन है।माना कि पिछले कुछ समय उसके हक़ में नही रहे है लेकिन उसे एक दौर क्या हराएगा जिसने हराया जमाना है।।
कोहली वापसी करेगा, ये तय है और उसकी वापसी स्वर्ण अक्षरों में लिखी जाएगी।।

राहुल दुबे
सर्वाधिकार सुरक्षित -Exxcricketer.com


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