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डेविड जॉनसन

भूले बिसरे खिलाड़ी
भाग 11 – डेविड जॉनसन
लेखक -विपुल

सबसे तेज़

आपको डेविड जॉनसन को जानना चाहिए।
आपको गुजरे ज़माने के दाएं हाथ के भारतीय तेज गेंद बाज़ डेविड जॉनसन को जानना ही चाहिए।
क्यों ?
क्योंकि डेविड जॉनसन ही वो गेंदबाज है जिसने भारत के लिये टेस्ट मैचों में सबसे तेज़ गेंद 157.3 किलोमीटर की गति से डाली थी।

1992 93 से भारतीय घरेलू क्रिकेट में तेज गेंदबाज के तौर पर आए डेविड जॉनसन कर्नाटक रणजी टीम के खिलाड़ी थे।और रणजी टीम में पहुँचने के पहले सिटी इलेवन बनाम कर्नाटक इलेवन के एक मैच में कर्नाटक रणजी टीम के 8 खिलाड़ियों को आउट किया था जिनमें से 7 बोल्ड थे।
विशुद्ध तेज़ गेंदबाज थे।

संघर्ष

अपने पहले रणजी सीजन में ही पेस की वजह से डेविड जॉनसन चयनकर्ताओं की नज़र में आ गए और 93 94 की चैलेंजर्स ट्रॉफी जो कि भारत ए बी सी के बीच एकदिवसीय टूर्नामेंट था, उसमें चुन लिये गये।

डेविड जॉनसन फिर इंडिया ए के यूएई दौरे के लिये चुने गए जहाँ इंडिया ए को पाकिस्तान ए ,श्रीलंका ए और यूएई के साथ खेलना था ।
लेकिन डेविड जॉनसन एक भी मैच की प्लेयिंग इलेवन में नहीं रहे।
यहाँ से लौटकर डेविड जॉनसन सीधे एमआरएफ पेस अकादमी में डेनिस लिली की शरण में पहुंचे।

उसी साल चैलेंजर्स ट्रॉफी में डेविड जॉनसन ने सचिन को बोल्ड मारा।चयनकर्ताओं का ध्यान इस ओर गया।अक्टूबर 1996 में ऑस्ट्रेलिया की टेस्ट टीम मात्र एक टेस्ट मैच खेलने भारत आई थी।श्रीनाथ चोटिल थे इसलिए डेविड जॉनसन को चान्स मिला।

दिल्ली टेस्ट मैच 1996

10 अक्टूबर 1996 को नई दिल्ली में शुरू हुआ ये मैच नयन मोंगिया के एक शतक के लिये ज़्यादा याद किया जाता है।पर इसी मैच में शायद डेविड जॉनसन ने 157 .3 की स्पीड से गेंद फेंकी थी।


डेविड जॉनसन ने इस टेस्ट की पहली पारी में मात्र 4 ओवर फेंके ,12 रन दिए बगैर किसी विकेट के।
इस टेस्ट की दूसरी पारी में डेविड जॉनसन ने 12 ओवर में 40 रन देकर माइकल स्लेटर के रूप में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय विकेट लिया।

96 में ही दक्षिण अफ्रीका की टीम भारत आई थी ।दक्षिण अफ्रीका टीम के खिलाफ कर्नाटक टीम के लिये एक प्रथम श्रेणी मैच में खेलते हुये डेविड जॉनसन ने पारी में 5 विकेट लिए थे इस प्रदर्शन को देखते हुये वो 1996 में भारत के दक्षिण अफ्रीका दौरे में भी चयनित किये गये।

1996 का दक्षिण अफ्रीका दौरा

26 दिसम्बर 1996 को डरबन में शुरू हुये सीरीज के पहले मैच में श्रीनाथ, प्रसाद ,डेविड जॉनसन तीनों खेले थे और प्रसाद ने टेस्ट की दोनों पारियों में 5 -5 विकेट लिए थे ।


लेकिन भारतीय बल्लेबाजों की कलई खुल गई थी डरबन की तेज़ पिच पर ।
पहली पारी में भारत का स्कोर 100 था दूसरी पारी में 66।

डेविड जॉनसन ने इस डरबन टेस्ट दिसम्बर 96 की पहली पारी में 15 ओवर में 52 रन देकर हर्शेल गिब्स और ब्रायन मैकमिलन के विकेट लिये थे।


दूसरी पारी में इन्हें कोई विकेट नहीं मिला।
यही दिसम्बर 96 का डरबन टेस्ट इनका आखिरी टेस्ट साबित हुआ।इसके बाद सीरीज के दूसरे टेस्ट में डोडा गणेश खेले और दूसरे टेस्ट के बाद हुये एक प्रथम श्रेणी के मैच में डेविड जॉनसन के एक पारी में 5 दूसरी में 3 विकेट लेने के बाद भी तीसरे टेस्ट के लिये डोडा गणेश को इनके ऊपर वरीयता दी गई ।

टेस्ट कैरियर आंकड़े

डेविड जॉनसन फिर कभी टीम इंडिया के लिये किसी भी फॉर्मेट में नहीं चुने गए।केवल 2 टेस्ट खेले हैं ,एक भी वनडे नहीं खेले।


डेविड जॉनसन ने 2 टेस्ट मैचों में 47.66 के गेंदबाजी एवरेज और 80 के स्ट्राइक रेट से 3 विकेट लिए हैं।बेस्ट 2/52।

प्रथम श्रेणी आंकड़े

डेविड जॉनसन के प्रथम श्रेणी मैचों में 28 के एवरेज से 125 विकेट हैं।बेस्ट पारी में 8 विकेट का है।लिस्ट ए में 31के एवरेज से 41 विकेट हैं।
प्रथम श्रेणी में एक शतक भी है जिसे मारने के बाद इन्हें कर्नाटक रणजी टीम से ये कहकर ड्राप किया गया कि आपका काम विकेट लेना है ,रन बनाना नहीं।

मूल्यांकन

डेविड जॉनसन के एक गेंदबाज के तौर पर मूल्यांकन पर मैं खुद थोड़ा भ्रमित हूँ।95 और 96 के रणजी सीजन में इन्होंने क्रमशः 25 और 30 विकेट लिए थे,जो एक पेसर के लिए बड़ी बात थी।
पर मैंने इनको इनके दोनों टेस्ट मैच खेलते देखा है और ये हमेशा मुझे एक भ्रमित से गेंदबाज दिखे जिसे पता ही नहीं था कि अपनी तेज़ी का कैसे उपयोग करें।

लेखक -विपुल
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