लेखक -विपुल
शेन वार्न का निधन हो गया 4 मार्च 2022 को, शाम को खबर आई कि थाईलैंड में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया।
वाकई में दुःख हुआ ,बचपन की एक याद , यादों का एक सुनहरा हिस्सा जिसे बनाने वाला जीवित था ,चला गया।
इम्पैक्ट प्लेयर
शेन वार्न इतने महान क्यों थे ? क्यों कहा जाता है कि ऐसा महान स्पिनर जल्दी नहीं आएगा क्रिकेट जगत में ?कारण बहुत हैं ।शुरू से शुरू करते हैं।
इम्पैक्ट प्लेयर
शेन वार्न एक इम्पैक्ट प्लेयर थे।इम्पैक्ट प्लेयर मतलब वो खिलाड़ी जिसके बनाये रन या जिसके लिये विकेट या जिसकी फील्डिंग मैच के परिणाम में महत्वपूर्ण प्रभाव डाले और उस खिलाड़ी की टीम के विजय में ये प्रदर्शित हो ।
जो खिलाड़ी 10 20 मैच खेल जाते हैं ,एक दो मैच के इम्पैक्ट प्लेयर हो सकते हैं ,लेकिन शेन वार्न ऐसे खिलाड़ी थे जो 90 से प्रारंभिक 2000 में ऑस्ट्रेलिया लगभग के 90 प्रतिशत मैचों में इम्पैक्ट प्लेयर थे |
फिर शेन वार्न एक गेंदबाज थे वो भी स्पिनर और फिर लेग स्पिनर ।लेग स्पिन क्रिकेट की सबसे ज़्यादा मुश्किल विधाओं में से एक है ,जिसमे उन्हें महारत हासिल थी।कलाइयों के जादूगर कहे जाते थे वार्न।
बल्लेबाजी बहुत आसान है।आप पूँछेगे कैसे ?अरे आप आड़े बेड़े कैसे भी खड़े हो क्रीज़ पर बल्लेबाजी के लिए कैसे ,कितने डिग्री भी अपनी कलाइयां घुमाएं ,क्रीज़ के जितना भी चाहे आगे खड़े हों ,आईसीसी का कोई नियम आपको नहीं रोकता ।
लेकिन गेंदबाजी में आप एक निश्चित डिग्री से ज़्यादा कोहनी नहीं मोड़ सकते, क्रीज़ के आगे बढ़कर गेंद फेंकने पर नोबॉल होगी और विकेटों से दूर गेंद फेंकने पर वाइड बाल होगी।
तो शेन वॉर्न ने गेंदबाजी में करियर चुना ,उसमें भी सबसे कठिन विधा लेग स्पिन में।
टप्पेबाजी
तेज़ गेंदबाज का एक स्वैग होता है, जनता तेज़ गेंदबाजी देखना पसंद करती है ।बड़े से बड़ा बल्लेबाज तेज़ गेंदबाजी खेलना पसंद नहीं करता।तेज़ गेंदबाज हमेशा स्टार रहता है ।बल्लेबाज सुपरस्टार रहता है |मार्शल ,लिली ,इमरान या अकरम ।लेकिन स्पिन गेंदबाज का स्टार बनना वो भी वकार ,डोनाल्ड, अकरम ,मैक्ग्राथ और ब्रेट ली जैसे तेज़ गेंदबाजों और लारा सचिन जैसे बल्लेबाजों के युग में ,
बड़ी नहीं बहुत बड़ी बात थी।
आकाश चोपड़ा अक्सर कहते हैं ,तेज़ गेंदबाजी बल्लेबाज को डराती है ,स्पिन गेंदबाजी शर्मिंदा करती है।
मैं इसके आगे कहूंगा ।तेज़ गेंदबाज डकैती डालता है, कनपटी पर बंदूक रख के विकेट लेता है।
स्पिनर चोरी करता है।
चोरी क्या ,टप्पेबाजी करता है।चोरी तो आपके गैरमौजूदगी में होती है ,टप्पेबाजी आपके सामने होती है।टप्पेबाजी समझे?
जैसे कोई आपको कहे वो देखो उधर बंदर और आप उधर देखने लगें तो वो आपकी चीज़ चुरा ले।
भारतीय टप्पेबाजी में माहिर होते हैं।इसलिए भारतीय स्पिन के अच्छे खिलाड़ी होते हैं और अच्छे स्पिनर निकलते भी ज़्यादा हैं यहाँ से।
ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के एक लेग स्पिनर का उभरना और डेढ़ दशक तक क्रिकेट की दुनिया पर राज करना भारतीयों को बहुत भाया।
शेन वार्न का बहुत बड़ा फैन बेस भारत में है।
सरल एक्शन
फिर शेन वार्न का गेंदबाजी एक्शन इतना सरल ,इतना बेसिक था कि हर बच्चा इसे ट्राय कर सकता था।मैंने ,आपने, सबने बचपन में शेन वार्न का बोलिंग एक्शन ज़रूर ट्राय किया होगा।और पीछे से *बौलिंग शेन * की आवाज भी किसी साथी ने लगाई होगी।
90 से प्रारम्भिक 2000 के दशक के 5 खिलाड़ी मेरी नज़र में ऐसे थे जो सर्वश्रेष्ठ थे और दूसरी टीमें इनसे आतंकित रहती थीं।सचिन, लारा, मैकग्रा, वार्न और स्टीव वॉ। तकनीकी रूप से और मानसिक रूप से ये पांचों बहुत मज़बूत थे।और ये युग इन्हीं का था।
शुरुआत
1992 में जब सिडनी टेस्ट में वार्न का पदार्पण हुआ ,किसी को लगा नहीं था कि ब्लांड बालों वाला स्टायल झाड़ने वाला ये मोटा और बदतमीज लड़का आगे जाकर क्रिकेट का ऐसा लीजेंड बनेगा कि ब्रैडमैन तक को उसे अपनी आल टाइम इलेवन में रखने पर मजबूर होना पड़ेगा।इस मैच में 1 विकेट मिला था वार्न को|
रवि शास्त्री ने दोहरा शतक लगा दिया था उस मैच में और शेन वार्न सबसे आसान बॉलर लग रहे थे मकडरमोट, व्हिटनी ,मर्व ह्यूज के बीच। लेकिन शेन वार्न पर ऑस्ट्रेलिया के चयनकर्ताओं को भरोसा था और वार्न ने वो भरोसा तोड़ा भी नहीं।जब सचिन और लारा अपने पूरे शबाब पर आना शुरू हुये तब वार्न भी चमके|ऑस्ट्रेलिया के पास तेज़ गेंदबाज हमेशा से अच्छे रहे हैं ,दूसरे देशों से ज़्यादा अच्छे और तादाद में भी| लेकिन स्पिन और खास तौर पर लेग स्पिन में पारंपरिक रूप से भारत और पाकिस्तान का बोल बाला रहा है।वार्न के उभरने के समय भारत के कुंबले स्टार ,पाक के मुश्ताक अहमद स्टार लेग स्पिनर थे|लेकिन उसी दरम्यान वार्न ने इंग्लैंड के खिलाफ एक टेस्ट मैच में माइक गैटिंग को एक ऐसी गेंद डाल के बोल्ड किया ,जिसका कोई भी लेग स्पिनर मात्र सपना देख सकता हैअविश्वसनीय रूप से टर्न हुई ये गेंद सदी की सर्वश्रेष्ठ गेंद घोषित कर दी गयी।ऑस्ट्रेलिया इंग्लैंड की मीडिया ने पन्ने रंग दिए।
सदी का सर्वश्रेष्ठ स्पिन गेंदबाज़
इस गेंद के बाद वार्न को सदी का सर्वश्रेष्ठ स्पिनर घोषित कर दिया गया।मीडिया का पी आर अलग बात है लेकिन अगर टेलेंट न हो तो ज़्यादा दिन मीडिया भी साथ नहीं देता।मार्क टेलर जब औस्ट्रलिया के कप्तान बने तो उन्हें वार्न मैकग्रा की बोलिंग और स्टीव वॉ मार्क वॉ की बैटिंग पर बहुत विश्वास था|इन चारों ने भी वार्न को निराश नहीं किया। 29 अप्रैल से 3 मई 1995 को हुए टेस्ट वेस्टइंडीज के सबीना पार्क में औस्ट्रलिया ने वेस्टइंडीज को हराकर अपने अन ऑफिशियल रूप से नंबर 1 बनने का ऐलान किया।वेस्टइंडीज को कई सालों बाद किसी टीम ने उसके घर में सीरीज की शिकस्त दी थी।ये मैच स्टीव वॉ की हिरोइक्स के लिये मशहूर है।200 रन बनाए थे उन्होंने ।मैन ऑफ द मैच रहे थे।एम्ब्रोस से भिड़ गए थे ,जिनसे कोई बोलता भी नहीं था।
मार्क वॉ ने 100 रन बनाए थे ।लेकिन क्या आपको पता है उस मैच में वार्न ने पहली पारी में 2 दूसरी में 4 कुल 6 विकेट लिये थे।मतलब टेलर सही थे।अगले कई सालों तक जो ऑस्ट्रेलिया की विश्व विजयी टीम रही ,उसके बेस में बैटिंग में मार्क वॉ ,स्टीव वॉ और बॉलिंग में वार्न और मैक्ग्राथ ही रहे।पोंटिंग गिलक्रिस्ट हेडेन और ली ,गिलेस्पी और ये बाद में आये।ये चारों गज़ब के नेचुरल टैलेंट थे, आक्रामक और विनिंग एटीट्यूड वाले।
स्टीव वॉ ऑस्ट्रेलिया की बैटिंग विभाग के मुखिया रहे ।मार्क वॉ और बाद में पोंटिंग दूसरे नंबर पर।गेंदबाजी विभाग के मुखिया वार्न थे,मैक्ग्राथ दूसरे नम्बर पर । वार्न खुद को स्टीव वॉ से कम नहीं समझते थे ,इसलिए उनकी स्टीव वॉ से नहीं बनती थी ज़्यादा ।और पोंटिंग से तो बिल्कुल नहीं बनी |96 में श्रीलंका के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया टीम एकदिवसीय विश्व कप नहीं जीत पाई जबकि माइकल बेवान जैसे खिलाड़ियों से सुसज्जित उस टीम को हराना बहुत मुश्किल था।लेकिन अरविंद डिसिल्वा और जयसूर्या ने कमाल कर दिया था।वार्न को इसकी कसक रही ।टेलर विश्वकप नहीं जीत पाए थे।
विश्व कप विजेता
इस 96 विश्वकप के सेमीफाइनल में विंडीज के विरुद्ध वार्न ने ऑस्ट्रेलिया को लगभग हारा हुआ मैच जितवा दिया था ।ऑस्ट्रेलिया के 207 रनों के जवाब में एक समय विंडीज को 10 ओवर में मात्र 48 रन बनाने थे।8 विकेट बाकी थे।वार्न का जादू चला ।36 रन देकर 4 विकेट लिये।मैन ऑफ द मैच रहे|
96 से 99 के बीच वार्न ने टेस्ट और एकदिवसीय में अपनी प्रभुसत्ता स्थापित की ।केवल सचिन ,लारा और विनोद कांबली ही ऐसे बल्लेबाज मैंने देखे जो शेन वॉर्न को अधिकार पूर्वक खेल पाया हो।बाकी कोई नहीं ।उसके बाद वार्न को विश्व कप जीतने का सपना पूरा करने का मौका मिला 99 विश्वकप में |99 विश्वकप में वार्न ने टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा 20 विकेट लिये थे।सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध 29 रन देकर 4 विकेट लिये थे और फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ 33 रन देकर 4 विकेट लिये थे।99 विश्वकप सेमीफाइनल और फाइनल दोनों में मैन ऑफ द मैच रहे थे।और विश्वकप विजयी हुये।
99 विश्वकप सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका की टीम औस्ट्रलिया से बहुत अच्छी दिख रही थी।लेकिन वार्न ने हर्शेल गिब्स और फिर हंसी क्रोनिए को दो गेंदों पर आउट करके मैच पलट दिया।गिब्स को पड़ी वो गेंद बहुत ज़्यादा टर्न हुई थी ।फिर उनका कम ऑन ,कम ऑन बोलना आजतक नहीं भूला ।आक्रामकता बहुत थी उनमें |
99 एकदिवसीय विश्व कप वार्न का इकलौता विश्व कप था जो शेन वार्न के हिस्से आया था।। 2003 विश्वकप में ड्रग टेस्ट में फेल हो जाने के कारण वो भाग नहीं ले पाए।2007 एकदिवसीय विश्वकप के पहले रिटायर हो गए थे।2007 टी 20 विश्वकप भी नहीं खेल पाए ।
कैरियर आँकड़े
स्टीव वॉ और रिकी पोंटिंग की विश्व विजयी टीमों का वार्न महत्वपूर्ण हिस्सा रहे।दोनों कप्तानों ने लगातार 16 टेस्ट जीते थे ,जिसमें वार्न की अहम भूमिका रही थी।वार्न ने 145 टेस्ट में 25.41 के ऐवरेज,57.4 के स्ट्राइक रेट और 2.65 की इकॉनमी से 708 विकेट लिये हैं।37 बार पारी में 5 विकेट लिये |वार्न ने 10 बार मैच में 10 विकेट लिए हैं उनका सर्वश्रेष्ठ बोलिंग प्रदर्शन 8 /71 रहा है बैटिंग में शेन वार्न उन चुनिंदा खिलाड़ियों में से एक हैं जिन्होंने 3000 टेस्ट रन और 300 टेस्ट विकेट लिए हैं ।कभी शतक नही बना पाए।सर्वश्रेष्ठ 99 रहा उनका 145 टेस्ट की 199 पारी में 17 औसत 3154 रन|
टेस्ट में 12 अर्धशतक हैं वार्न के।वहीं एकदिवसीय क्रिकेट में 194 मैचों में 293 विकेट लिये हैं 25.73 के औसत से ।एक बार पारी में 5 विकेट सर्वश्रेष्ठ 5/33 । 194 एकदिवसीय में 13 के ऐवरेज से 1018 रन एक पचास ,सर्वश्रेष्ठ 55|
आईपीएल
आईपीएल में शेन वार्न के योगदान को नहीं भुला सकते।
2008 के आईपीएल के प्रथम संस्करण में शेन वार्न ने राजस्थान रॉयल्स की कमान संभाली ,कप्तानी की और ट्रॉफी दिलाई राजस्थान को अभी तक की एकमात्र आईपीएल ट्रॉफी जो राजस्थान रॉयल्स ने जीती है।
।बाद में भी राजस्थान रॉयल्स से जुड़े रहे| रवींद्र जडेजा शेन वार्न की ही खोज थे।
प्रतिभा परखने की क्षमता थी वार्न में।रवींद्र जडेजा वर्तमान में भारतीय क्रिकेट टीम के महत्वपूर्ण सदस्य हैं।
शेन वार्न अद्वितीय प्रतिभा के धनी खिलाड़ी थे।सदी के सर्वश्रेष्ठ स्पिनर ।क्रिकेट प्रेमियों के दिल मे हमेशा बसे रहेंगे। भगवान उनकी आत्मा को शान्ति दे।
ॐ शान्ति
लेखक -विपुल
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Isme koi nayee baat nhin hai…sblog vaise bhi jante hai ki Warne achche player the..baki staistics bahut ubaaoo subject hai..aur jyadatr logo ki aankdo mein koi ruchi nhin hoti…