मेरा रिव्यू -विक्रम वेधा
आपका -विपुल विपुल अनवरगंज रेलवे स्टेशन पर था ।लखनऊ जाना था।ट्रेन का इंतज़ार था, सुबह के पौने दस थे। फोन बजा ।"ये महिषासुर की फोटो क्यों आ रही बन के फोन में ?""ओह ,बॉस है ! " "जी सर!आदेश करें ।"कोयल को भी मात देती आवाज़ में ढाई बोरा शहद…