विपुल
आज स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अच्छी और सुखद बातें करेंगे।
भारत की कुछ विशेष हस्तियों के बारे में बात करें ?
शुरुआत
भगवान राम
रामकथा भारत की रग रग में है।
कौसल्या नंदन दाशरथि राम ,भरताग्रज राम ,सियावर राम ,सुग्रीव के मित्र राम ,केवट के भगवान राम ,रावण वध करने वाले राम ,श्री रामदूत हनुमान के आराध्य राम।
कथा सुनाने की ज़रूरत है क्या ?
बोलो
सियावर रामचंद्र की जय।
योगेश्वर कृष्ण
कृष्ण दरअसल योगेश्वर थे ।भारत के सबसे बड़े योग और तंत्र साधक ।सम्मोहन और इंद्रजाल विद्याओं के जानकार होने के साथ एक कुशल कूटनीतिज्ञ और भारत के आज तक के ज्ञात इतिहास के सबसे बड़े दार्शनिक।
गीता आपने नहीं पढ़ी ,ये नहीं कहता,
समझ नहीं पाए होंगे ,मानता हूँ क्योंकि इसे समझना कठिन है।
तीर्थंकर महावीर
महावीर स्वामी ने कोई नया धर्म नहीं चलाया था।जैनियों के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव का वर्णन आदि शास्त्रों में है।
महावीर स्वामी के अनुयायी तो आज भी भारत की उन्नति में हाथ बंटा रहे हमेशा की तरह।
कठोर अनुशासन ।
इनकी सीख रही।
शाक्यमुनि गौतमबुद्ध
गौतम बुद्ध का नाम लिये बगैर भारत का वर्णन नहीं हो सकता।
शाक्यमुनि ने भारत में अपने दर्शन की ऐसी छाप छोड़ी कि उससे प्रभावित हुये बगैर नहीं रहा जा सकता।
विश्व इतिहास के सबसे प्रभावी 4 5 लोगों में से एक महात्मा बुद्ध।
भारतीयता के अंतरराष्ट्रीय प्रभाव में गौतम बुद्ध का प्रभाव अतुलनीय है।
आचार्य चाणक्य
भारत बगैर चाणक्य के भारत कैसे होता ।
पाटलिपुत्र के नाटे ,काले और कुरूप ब्राह्मण जिन्होंने सर्वप्रथम ये प्रतिपादित किया कि उत्तर में हिमालय से लेकर दक्षिण में समुद्र पर्यंत जो एक हज़ार योजन भूमि है ,वो एक चक्रवर्ती शासन के योग्य है।चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु।
तक्षशिला के आचार्य।
सम्राट शकारि विक्रमादित्य
सम्राट शकारि विक्रमादित्य –
नेहरू ने भले विक्रम सम्वत को सरकारी संवत घोषित न किया हो, भारत के लगभग सारे हिन्दू धर्मावलंबियों के घरों में यही चलता है त्यौहारों के लिये।
इनकी ऐतिहासिकता संदिग्ध नहीं है।
57 ईसापूर्व।म्लेच्छों से भारत बचाया।
और ये समुद्रगुप्त के पुत्र नहीं थे।
शूरवीर स्कन्दगुप्त
स्कन्दगुप्त -कुमारगुप्त के छोटे पुत्र, चंद्रगुप्त विक्रमादित्य के पौत्र।
इस राजकुमार ने उस हूण सेना का सर्वनाश किया जिन हूण लोगों ने चीन से यूरोप तक त्राहि त्राहि मचा दी थी।इसके उल्लेख आपको ज़्यादा नहीं मिलेंगे ।लेकिन ये शायद भारत के सबसे शूरवीर योद्धाओं में से एक रहा है।
आदि शंकराचार्य
आदि शंकराचार्य -केरल में जन्म और 32 की उम्र में देहांत से पहले बद्रीनाथ ,जगन्नाथ, रामेश्वरम ,द्वारिका ,चारों धामों को एकसूत्र में बांटना ,धार्मिक चेतना जागृत करना ।निराकार अद्वैत दर्शन से लेकर साकार प्रभु की भज गोविंदम उपासना रचने वाले आदि शंकराचार्य भारत की बहुत बड़ी हस्ती हैं ।
हरिहर बुक्का और स्वामी विद्यारण्य
हरिहर बुक्का और स्वामी विद्यारण्य-
इन तीनों का नाम नहीं जानते तो जान लो।
भारत में बढ़ते इस्लामीकरण के बीच दक्षिण भारत में विजय नगर नामक हिन्दू साम्राज्य की स्थापना हरिहर और बुक्का नाम के दोनों भाइयों ने स्वामी विद्यारण्य के सम्पर्क में आने पर की।
विजयनगर साम्राज्य कई सालों रहा ।
राजा कृष्णदेव राय और तेनाली राम
राजा कृष्णदेव राय और तेनाली राम -कृष्णदेव राय विजयनगर के सबसे प्रतापी राजा थे।तेनालीराम इनके चतुर सलाहकार।
अकबर बीरबल के फ़र्ज़ी किस्से इन्ही की नकल पर बनाये गए।
कृष्णदेव राय का रुतबा किसी मुगल
शहेंशाह से कम नहीं रहा।
बस इस्लामिक इतिहासकारों ने नहीं बताया।
महाराणा प्रताप
महाराणा प्रताप –
क्या बोलें ?
इतनी बड़ी शख्सियत
मेरी औकात नहीं कि कुछ बोल पाऊं
सादर नमन
मेवाड़ क्या भारत के सबसे प्रतापी महाराणा।
पुनः सादर नमन।
छत्रपति शिवाजी
छत्रपति शिवाजी -विजयनगर साम्राज्य को जब बहमनी सुल्तानों ने इस्लाम के नाम पर ध्वस्त कर दिया ,तब छत्रपति शिवाजी ने हिन्दू पद पादशाही की स्थापना की।
छत्रपति शिवाजी महाराज महाराष्ट्र नहीं ,पूरे भारत में हिन्द स्वराज्य के प्रेरणा स्रोत थे।
गुरु गोबिंद सिंह
गुरु गोबिंद सिंह –
सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह ने सिखों को एक लड़ाका कौम बनाकर इस्लामिक आतंकवाद से खुली लड़ाई की।इनके साथ ,इनके पिता के साथ,इनके पुत्रों के साथ ,इनके शिष्य बंदा बैरागी के साथ इस्लामिक आतंकियों ने वो हरकतें की कि क्या बतायें ,
फिर भी लड़ते ही रहे।
नमन है।
रामकृष्ण परमहंस
रामकृष्ण परमहंस-
शायद अंतिम ज्ञात व्यक्ति जिनकी कुण्डलिनी जाग्रत थी ।बहुत बड़े योगी, तपस्वी और भक्त।विवेकानंद को खुद ढूंढा।रहस्यवादी ऋषि श्रृंखला के अंतिम ज्ञात व्यक्ति।साधक ,तांत्रिक और योगी।
विवेकानंद इनके चेले थे मतलब इनको जाने बगैर विवेकानंद को नहीं समझ पाओगे।
सादर नमन।
स्वामी विवेकानंद
स्वामी विवेकानंद -शायद शंकर ने जो काम सातवीं शती में किया, विवेकानंद ने उन्नीसवीं शती में पुनः किया।
इनके बारे में नहीं ,इनका लिखा पढ़िये।
32 की उम्र में दुनिया छोड़ गए थे।
लेकिन अमर हैं।
इनके लिखे का वर्तमान संघ विचारकों के हिसाब से मतलब मत निकाल लेना।
शंकर को भी पढ़ना।
स्वामी दयानंद
स्वामी दयानंद -इस्लाम और ईसाईयत से सीधे टकराने वाले और अपने धर्म पर बिल्कुल लज्जा न करने वाले स्वामी दयानंद ने उन इस्लामिक और ईसाई लोगों के अंधविश्वास की भी खुलकर खिल्ली उड़ाई जो तब भारतीयों को उनके धर्म की कमियों को बताकर नीचा दिखाते थे ।
ओरिजनल घर वापसी कार्यक्रम स्वामी दयानंद ने ही शुरू किया था।
जगदीश चन्द्र बोस
जगदीश चंद्र बसु -रेडियो की खोज पहले मारकोनी ने नहीं ,जैसी बोस ने ही की थी ,अब ये लगभग सबको पता है।लेकिन तब इन्हें श्रेय नहीं मिला।
लेकिन पौधों में जीवन की खोज का श्रेय इनसे कोई छीन नहीं सकता ।
आधुनिक वनस्पति विज्ञान के शीर्षस्थ
जगदीश चन्द्र बोस
नमन है।
श्रीनिवास रामानुजन
श्रीनिवास रामानुजन -इस थ्रेड को समाप्त करने के लिये सबसे उपयुक्त व्यक्ति ।शो स्टॉपर।
आधुनिक भारत में इनसे बड़ा गणितज्ञ नहीं हुआ है।मात्र 32 की उम्र में चल दिये।
इनके बारे में क्या कहूँ ?
मुझे शब्द नहीं मिल रहे।
केवल आदर से हाथ जुड़ रहे हैं और नमन कर पा रहा हूँ।
🙏🙏🙏
विपुल
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{मेरे ट्विटर अकॉउंट @old_cricketer पर 15 अगस्त 2022 को साथ ही प्रकाशित }
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