
यूथ आइकन विपुल और डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा
आपका -विपुल
भारत के सभी मूल निवासी भारतीय नहीं बल्कि ग्रीक हैं।
ऐसी खोज करने वाले प्रसिद्ध पुरातत्व स्पेशलिस्ट डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा का प्रोफेशन शिक्षण था और शौक पॉकेटमारी।
उन्होंने कक्षा 3 में अपने आर्ट टीचर सुदर्शन से सुन रखा था कि वो आदमी जीवन में बहुत सुखी रहता है जो अपने शौक को अपना प्रोफेशन बना ले,और अब डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा अपने पॉकेटमारी के शौक को अपना प्रोफेशन बनाने पर गंभीरता से सोचने लगे थे।
50 साल के डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा राजस्थान के मूल निवासी थे और पीने के पानी की बचत करने के बहुत शौकीन थे इसलिये नहाते हफ्ते में एक बार थे और दारु भी नहीं पीते थे क्योंकि पानी उसमें भी होता है।
इसकी जगह वो सूखा नशा करते थे।

वो अब सनी डैनी इंटर कॉलेज ऑफ आर्ट्स छोड़ के जाना ही चाहते थे कि उनके कॉलेज में सपना सोनभक्षी नामकी युवा महिला टीचर बाइसाइकिल से बायलॉजी पढ़ाने आने लगी थी।
सपना सोनभक्षी की फिगर नोरा फतेही सी,उमर तृप्ति ढिमरी सी और कलर तमन्ना भाटिया सा था।और डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा पर इसका ऐसा असर हुआ कि उन्हें पहली ही नजर में सपना सोनभक्षी इतना भा गई जितना भाजपा को भीमराव।
पचास साल तक रंडुवा रहे डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा के जिंदगी एक ही मकसद हो गया, सपना सोनभक्षी का प्यार पाना।
लेकिन इसके लिये उन्हें बहुत प्रयास करना था अभी।
सपना सोनभक्षी के बारे में जानकारी करने पर डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा को पता चला कि सपना की पिछले 2 साल में 3 शादियां हुई हैं जिनमें से एक डॉक्टर, दूसरा इंजीनियर और तीसरा वकील था। तीनों शादी के दो महीने के अंदर ही दिल के दौरे से खत्म हो चुके थे और उनकी सारी प्रापर्टी अब सपना सोनभक्षी के नाम आ चुकी थी। जिसकी कीमत करोड़ों में थी।

सपना सोनभक्षी केवल अपना अकेलापन बिताने के लिये बायलॉजी पढ़ाने आती थी और अपनी अमीरी का शो ऑफ करना उसे पसंद नहीं था, इसलिये वो बाइसाइकिल पर बायलॉजी पढ़ाने आती थी।
ये अलग बात है कि उसकी साइकिल की बाजारू कीमत एक लाख थी।
डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा ने सपना सोनभक्षी से परिचय बढ़ाने की, उसका दिल जीतने की बहुत कोशिश की पर सपना सोनभक्षी ने डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा को उतना भी भाव नहीं दिया जितना भाजपा ब्राह्मणों को देती है।
थक हार कर डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा को याद आई यूथ आइकन विपुल की।
यूथ आइकन विपुल से डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा का संपर्क पिछले साल ही हुआ था,जब वो म्यूज़ियम से चुराई एक एंटीक मूर्ति का सौदा एक फ्रांसीसी कम्पनी के एजेंट से एक होटल के बेसमेंट में कर रहे थे और तभी पुलिस रेड पड़ गई थी।
तब बाइक सवार यूथ आइकन विपुल ने डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा को अपनी बाइक पर बिठा के बेसमेंट से फरार होने में डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा की मदद की थी और पुलिस से बचाया था।
बाहर निकलने के बाद डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा ने यूथ आइकन विपुल का धन्यवाद किया।तब उसे पता चला कि यूथ आइकन विपुल भी एंटीक मूर्तियों की खरीद बिक्री वाले सिंडिकेट से जुड़ा हुआ है और अपने बॉस कप्तान के कहने पर डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा को बचाने आया है।
अपनी जान बचने की खुशी में डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा ने वो एंटीक मूर्ति यूथ आइकन विपुल के बॉस को बेच दी और यूथ आइकन विपुल से दोस्ती कर ली।
यूथ आइकन विपुल से डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा की पिछले कुछ महीनों तक भेंट अक्सर होती रहती थी।यूथ आइकन विपुल एक डैशिंग हैंडसम युवा मर्द था और डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा को लगा कि वो सपना सोनभक्षी का दिल जीतने में उसकी मदद ले सकता है तो उसने यूथ आइकन विपुल से संपर्क करने की कोशिश की पर उसका संपर्क हो न पाया क्योंकि यूथ आइकन विपुल के उसके पास मौजूद सारे फोन नंबर बंद थे।
पर चूंकि डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा ने यूथ आइकन विपुल को दिल से याद किया था इसलिये अगले ही रोज यूथ आइकन विपुल उसके सामने खड़ा था कॉलेज में।
वो कॉलेज का नया मैथ लेक्चरर था।

डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा यूथ आइकन विपुल के उसी के कॉलेज में मैथ टीचर बन के आने से खुश हुआ।अब उसकी नौकरी के साथ उसका पुरानी मूर्तियों को बेचने का धंधा भी अच्छा चलने वाला था।पर यूथ आइकन विपुल ने उसे बताया कि वो अब पुरानी मूर्तियों की खरीद फरोख्त वाला सिंडिकेट छोड़ चुका है।
दरअसल यूथ आइकन विपुल बचपन से ही शमा डांसर का दीवाना था जो रोज चोली के पीछे क्या है गाने पर क्लब में डांस करती थी।यूथ आइकन विपुल के दिल में बस एक ही इच्छा रहती थी कि वो देखे कि दरअसल शमा डांसर की चोली के पीछे क्या है।

क्लब में जाते जाते पांच साल में पांच लाख रूपये खर्च करने के बाद एक दिन उसे शमा डांसर की चोली के पीछे देखने का मौका मिला जब शमा डांसर ने पचास हजार लेने के बाद उसे अपने चेंज रूम में बुलाया था।
तब यूथ आइकन विपुल ने देखा कि शमा डांसर दरअसल शमा किन्नर है और उसकी चोली के पीछे कुछ नहीं है।सपाट मैदान है।उस दिन यूथ आइकन विपुल का दिल टूट गया था और बादशाह बीड़ी के दो बंडल फूंकने के बाद उसने मूर्तियों की खरीद फरोख्त वाला अपना सिंडीकेट छोड़ दिया था।

पर यूथ आइकन विपुल के पुराने सिंडिकेट का बॉस कप्तान एक अच्छा आदमी था जिसमें लोगों का कत्ल करवाने, मारने पीटने और ब्लैकमेल करने के शौक के अलावा कोई और बुरी आदत नहीं थी।
उसी कप्तान ने यूथ आइकन विपुल की नौकरी का जुगाड़ इस कॉलेज में कर दिया था जिसके प्रबंधक और प्रिंसिपल डॉक्टर रमा की रंगीनियों के किस्से एक पेन ड्राइव में कप्तान के पास मौजूद थे।
डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा,सपना सोनभक्षी का प्यार पाने के लिये यूथ आइकन विपुल की मदद चाहता था।
यूथ आइकन विपुल भी डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा की मदद करना चाहता था पर सपना सोनभक्षी की सुंदरता देख उसका मन बदल गया और वो भी सपना सोनभक्षी को पटाने की फिराक में लग गया।
अब सनी डैनी कॉलेज ऑफ आर्ट्स में पुरातत्व विज्ञानी डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा, युवा
गणित लेक्चरर यूथ आइकन विपुल और बायलॉजी टीचर सपना सोनभक्षी का प्रेम त्रिकोण बन चुका था,जिसमें से सपना सोनभक्षी को ये पता ही न था कि वो एक प्रेम त्रिकोण का हिस्सा है।

वो दिन एक फ़रवरी का था जब ब्रश करते करते डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा के मन में अचानक विचार आया कि उसे आज सपना सोनभक्षी से खुल के अपने प्रेम का इजहार कर देना चाहिए वरना देर हो जायेगी।इत्तेफाक से इसी दिन यूथ आइकन विपुल के मन में बिल्कुल यही विचार आया वो भी ब्रश करते करते ही।सपना सोनभक्षी को होटल गीत में यूथ आइकन विपुल ने अपने जन्मदिन की छोटी सी पार्टी के नाम पर बुलाया और डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा ने गेट टुगेदर के नाम पर।होटल वही! गीत!
एक फरवरी की रात 8 बजे 422 रुपए के केक पर 22 मोमबत्तियां लगाए बैठा यूथ आइकन विपुल बर्थडे वाली टोपी पहने सपना सोनभक्षी का इंतजार कर रहा था और उसके ठीक सामने की टेबल पर डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा बाटी चोखा की प्लेट लगाए बैठा सपना सोनभक्षी का इंतजार कर रहा था।
होटल के गेट तक तो सपना आई।दोनों से हाय ❤️भी किया, पर उसी समय !

उसी समय यूथ आइकन विपुल और डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा को सपना सोनभक्षी के पीछे चार हट्टेकट्टे गुंडे दिखाई पड़े जिन्होंने सपना सोनभक्षी के मुंह पर रुमाल रख के उसे बेहोश किया और बोरी में भर के वैन में डाल के ले गये।
यूथ आइकन विपुल और डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा कुछ न कर सके।
सपना के उनकी आंखों के सामने से ओझल होते ही दोनों के पास एक कॉल आया जिसमें उनसे पूंछा गया कि क्या वो सपना सोनभक्षी को सही सलामत वापस चाहते हैं?
अगर हां तो वो होटल गीत के बाहर खड़ी जीप में बैठ जायें।
यूथ आइकन विपुल और डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा दोनों ने सपना की जान बचाने को ये सौदा कुबूल किया।
जीप में बैठते ही दोनों को एक एक इंजेक्शन दिया गया और दोनों बेहोश हो गये।
दोनों की आँखें खुली तो उन्हें अपने सामने सामने भारत के खूंखवार टॉप 10 डॉन लोगों की लिस्ट में चौथे नंबर पर काबिज मुक्की रामपुरिया दिखा।

मुक्की रामपुरिया के बारे में पहले से मशहूर था कि वो पहले बड़ा सीधा शरीफ आदमी हुआ करता था जो देशी भांग के ठेके पर नौकरी करता था।पर जब इसकी प्रेमिका फाल्किंसन बारबरा इसे बेवकूफ बना के इससे लाखों रूपये लूट कर किसी दूसरे मर्द के साथ भाग गई तो ये डॉन बन गया।
वैसे इसके काफी काले सफेद धंधे थे पर मधुमक्खी के मूत्र को शहद बता के बेचने वाला इसका धंधा सबसे ज्यादा चलता था।
सपना सोनभक्षी एक शीशे के पानी से आधे भरे जार में कछुओं के साथ बंद की गई थी और मुक्की रामपुरिया सपना सोनभक्षी को छोड़ने के बदले डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा और यूथ आइकन विपुल से कुछ चाहता था।
दरअसल मुक्की रामपुरिया जानता था कि डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा और यूथ आइकन विपुल दोनों एंटीक मूर्तियों को खरीदने बेचने के अवैध व्यापार से जुड़े रहे हैं इसलिये ही उसने दोनों की जान सपना सोनभक्षी को किडनैप किए था कि इसके बदले वो दोनों से कुछ सौदा कर सके।
ये सौदा था कि नोएडा की राजमाता योग्यता के महल में रखे सैकड़ों साल पुराने एंटीक पीस शीशे के हिप्पो को लाकर मुक्की रामपुरिया को देना और बदले में सपना सोनभक्षी को आजाद करा ले जाना।

यूथ आइकन विपुल दिल टूटने के कारण ये एंटीक पीसों की खरीद फरोख्त वाला बिजनेस छोड़ चुका था और डॉक्टर सत्य कुमार चौधरी के शरीर का विशेष अंग पुलिस द्वारा टूटने के कारण डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा इस बिजनेस को छोड़ने का इच्छुक था पर सपना सोनभक्षी की जान बचाने को दोनों ने नोएडा की राजमाता योग्यता के महल से शीशे का एंटीक हिप्पो चुराकर मुक्की रामपुरिया को देने का सौदा कुबूल किया।
अपने पुराने बॉस कप्तान के सोर्सेज का इस्तेमाल करके यूथ आइकन विपुल नोएडा की राजमाता योग्यता के महल में बावर्ची की नौकरी पाने में सफल हो गया। वहीं डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा के सोर्सेज भी कम नहीं थे। वो भी राजमाता योग्यता के महल में सफाईकर्मी बन के दाखिल हो गया।
अब दोनों ही महल के ड्राइंग हाल में रखा शीशे का एंटीक हिप्पो चुराने की फिराक में रहते थे। दोनों एक दूसरे का सहयोग नहीं करना चाहते थे क्योंकि जो भी शीशे का वो एंटीक हिप्पो मुक्की रामपुरिया को ले जाकर देता, सपना सोनभक्षी उसे ही मिलती।
पर उस हिप्पो को चुराना बिलकुल भी आसान नहीं था। दरअसल नोएडा की राजमाता योग्यता के यहां कुछ भी आसान नहीं था।

नोएडा की राजमाता योग्यता की उम्र कितनी थी ये किसी को नहीं पता थी।किंग जॉर्ज पंचम के भारत आगमन के समय की उनकी फोटो ड्राइंग रूम में टंगी थी और बापू की बकरी को चारा खिलाते हुए भी।
लालबहादुर शास्त्री से लेकर मनमोहन सिंह तक कोई भारतीय प्रधानमंत्री ऐसा नहीं था जिसका साथ नोएडा की राजमाता योग्यता की फोटो न हो।नरेंद्र मोदी भी एक फोटो में उनका पैर छूते दिख रहे थे।
राजमाता योग्यता अकेले ही रहती थी। सुन जाता था कि जब रवींद्र नाथ टैगोर को नोबेल प्राइज मिला था,उस रोज उनके पति ने राजमाता योग्यता से मटर पनीर की सब्जी बनाने को कहा,राजमाता योग्यता ने ध्यान नहीं दिया और अपने नौकरों से खीर पूड़ी बनवा दी।उस रोज से उनके पति उनसे नाराज हो गए और बच्चों सहित कैलाशा आइलैंड रहने चले गए।
आजकल उनके परपोते आचार्य बन कर प्रवचन करते बताए जा रहे थे।

राजमाता योग्यता एक खडूस महिला थी जो हर बात पर अपने नौकरों को धिक्कारते रहती थी। यही नहीं उसे अपने ड्राइंग रूम में रखे उस शीशे के एंटीक हिप्पो की भी बड़ी फिकर रहती थी और हर आधे घंटे में उसे खुद साफ करती रहती थी।
उस हिप्पो को शीशे के एक बंद केस में रखा गया था जिसे सिर्फ राजमाता योग्यता के फिंगर प्रिंट से ही खोला जा सकता था।
यूथ आइकन विपुल गप्प मारने और लच्छेदार बातें करने के साथ ही खाना बनाने और बर्तन धोने में बड़ा एक्सपर्ट था।उसने जल्द ही नोएडा की राजमाता योग्यता का विश्वास हासिल कर लिया।

एक रोज उसने राजमाता योग्यता सहित पूरे महल के स्टाफ के खाने में नींद की गोलियां मिला दीं और राजमाता योग्यता को उस शीशे के केस के सामने ले जाकर उनके फिंगर प्रिंट से केस खोल कर शीशे का एंटीक हिप्पो निकाल लिया।
यूथ आइकन विपुल वो शीशे का एंटीक हिप्पो लेकर भागने ही वाला था कि उसे अपने सामने मुस्कुराता हुआ डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा दिखाई पड़ा।
दरअसल डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा ने यूथ आइकन विपुल को खाने में नींद की गोलियां मिलाते देख लिया था और खाना नहीं खाया था। उसने यूथ आइकन विपुल के शीशे का एंटीक हिप्पो चुराने का इंतजार किया और जब यूथ आइकन विपुल ने वो शीशे का एंटीक हिप्पो चुरा लिया तो अब डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा चोर पर मोर बनने की फिराक में था।

यूथ आइकन विपुल ने डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा से बच कर भागने की कोशिश की, पर 50 साल की उम्र होने के बाद भी डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा में काफी ताकत थी। हाथ पैरों के बाद लाठी डंडों से दोनों लड़ ही रहे थे कि तभी सब इंस्पेक्टर विजयंत और ईमानदार हवलदार दीपक यादव की पुलिस टीम वहां पहुंच गई।कुछ ही देर बाद यूथ आइकन विपुल और डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा सीबीआई के मुख्यालय में थे।
दरअसल वो शीशे का एंटीक हिप्पो , शीशे का एंटीक हिप्पो नहीं था।
नोएडा की राजमाता योग्यता, नोएडा की राजमाता योग्यता नहीं थी और राजमहल राजमहल नहीं था।
ये महल सीबीआई का खुफिया मुख्यालय था।नोएडा की राजमाता योग्यता दरअसल खुफिया विभाग द्वारा बनाया गया एक भ्रम था। सीबीआई की कोई भी महिला एजेंट कुछ सालों के लिये बुढ़िया का मेकअप करके राजमाता योग्यता बना दी जाती थी। इस समय राजमाता योग्यता, योगिता चित्तर नामकी एक बंगाली सिख औरत बनी थी।और वो शीशे का एंटीक हिप्पो दअरसल बहुत से अपराधियों का रिकॉर्ड डिजिटल रूप में समेटे एक कंप्यूटराइज रोबोट था।

मुक्की रामपुरिया को ये पता चल गया था।उसे राजनीति में आना था।इसलिये अपने काले चिट्ठे, अपने खिलाफ डिजिटल सबूत मिटाने को वो ये शीशे का हिप्पो चाहता था। पर मुक्की रामपुरिया पर सीबीआई की नजर भी थी। सीबीआई को पता था कि यूथ आइकन विपुल और डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा नोएडा की राजमाता योग्यता के महल में शीशे का एंटीक हिप्पो चुराने आये हैं। उन दोनों की हर हरकत पर सीबीआई की नजर थी।वो उन दोनों की मदद से मुक्की रामपुरिया को पकड़ना चाहते थे क्योंकि मुक्की रामपुरिया की ओरिजनल लोकेशन किसी को पता नहीं थी और इसमें यूथ आइकन विपुल और डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा उनकी मदद कर सकते थे।
यूथ आइकन विपुल के पुराने बॉस कप्तान के तार बहुत ऊंचे जुड़े थे और जब अपने वकील को फोन करने की इजाजत दी गई तो यूथ आइकन विपुल ने कप्तान को फोन किया और
डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा ने प्रशांत भूषण को।
कप्तान ने विपुल को ठंड रखने की सलाह दी और प्रशांत भूषण ने डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा को भाग ब्रोकली के बोल दिया।

कुछ ही देर में सीबीआई के डिप्टी डायरेक्टर अरविंद त्रिपाठी दौड़े दौड़े उस रूम में आये जहां यूथ आइकन विपुल और डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा से पूछताछ चल रही थी।
उन्होंने सबको बताया कि ऊपर से आदेश आया है कि अगर यूथ आइकन विपुल और डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा कुख्यात अपराधी मुक्की रामपुरिया को गिरफ्तार करवाने के प्लान में शामिल हों तो इनकी सजा भी माफ कर दी जायेगी और सपना सोनभक्षी को छुड़वा भी दिया जायेगा। मुक्की रामपुरिया के ऊपर रखा 5 लाख का इनाम अलग से मिलेगा।
यूथ आइकन विपुल और डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा को ये ऑफर मानना ही था।
एक नकली शीशे का एंटीक हिप्पो यूथ आइकन विपुल और डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा को दिया गया जिसका रिमोट सीबीआई टीम के पास था।
ये हिप्पो जैसे ही मुक्की रामपुरिया के हाथों में जाता और रिमोट चालू होता वैसे ही इससे ऐसी किरणें निकलती कि मुक्की रामपुरिया और आसपास के सारे लोग बेसुध हो जाते। साथ ही उनके पास मौजूद सारे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण हैक हो जाते।इन किरणों से बचने का लेप पहले ही यूथ आइकन विपुल और डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा के शरीर पर लगा दिया गया।
दोनों बस से रामपुर पहुंचाये गये।

सीबीआई टीम उन पर नजर रखे थी।
रामपुर पहुंच के उन्होंने उस नंबर पर संपर्क किया जो काम होने के बाद मुक्की रामपुरिया से संपर्क करने को उनको दिया गया था। उनको मुक्की रामपुरिया के अड्डे की लोकेशन नहीं पता थी।
जैसे ही उन्होंने उस नंबर पर फोन करके काम होने का बताया, वैसे ही उन्हें ले जाने को एक वैन आ गई।
दोनों को जब मुक्की रामपुरिया के सामने पेश किया गया तो सब कुछ वैसा ही था।
मुक्की रामपुरिया मधुमक्खियों के मूत्र से शहद बना रहा था और सपना सोनभक्षी शीशे के जार में कछुओं सहित बंद थी।
यूथ आइकन विपुल ने शीशे का एंटीक हिप्पो मुक्की रामपुरिया को सौंपा, वो बड़ा खुश हुआ।
तभी डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा ने उस नकली हिप्पो का रिमोट ऑन कर दिया।
यूथ आइकन विपुल और डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा को छोड़ कर सब बेहोश हो गये।
वहां मौजूद सारे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण हैक हो गये और थोड़ी ही देर में सीबीआई टीम वहां आ गई।
मुक्की रामपुरिया और उसके गुर्गे गिरफ्तार कर लिये गये।सपना सोनभक्षी को बचा लिया गया।
ये 14 फरवरी का दिन था और समय रात 8 का।
अब यूथ आइकन विपुल और डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा और नहीं रुक सकते थे। उन्होंने सपना सोनभक्षी का प्यार पाने को बहुत पापड़ बेले थे बहुत कष्ट उठाये थे। दोनों ने आज ही अपने प्यार का इजहार करना उचित समझा।
दोनों ने लगभग एक साथ ही सपना सोनभक्षी से अपने प्यार का इजहार किया।
पर उनके अरमानों पर पानी फिर गया जब सोना सोनभक्षी ने उनके प्रणय प्रस्ताव को ठुकराते हुये बोला-
“सौरी! आई हैव ए गर्लफ्रेंड!”
दरअसल तीन पतियों की मृत्यु के बाद सपना का पुरुषों से मन भर चुका था और वो अब लेस्बियन बन चुकी थी।
डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा का दिल अभी चटका ही था, टूटा नहीं था कि तभी सपना सोनभक्षी की गर्लफ्रेंड साक्षी सिंह उस कमरे में चिल्लाते हुये घुसी।
“आप के थे! आप के हैं! आप के रहेंगे!”

डॉक्टर सत्य कुमार सन्नाटा और यूथ आइकन विपुल का दिल ऐसा टूटा कि फिर दोनों एंटीक मूर्तियों का बिजनेस छोड़ के शहर से बाहर चले गये।
आजकल कहां हैं?पता नहीं।
आपका – विपुल
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शानदार कहानी और पात्र रचना ।
पर कहानी का प्रस्तुतिकरण बहुत फास्ट था ।
मुक्की रामपुरिया का पात्र शानदार रहा ।
उत्तम प्रयास ।