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आपका – विपुल

आइए टी 20 विश्वकप क्रिकेट की कुछ बात कर लें।
हालांकि भारत को अभी जिम्बावे के खिलाफ खेलना है पर भारत लगभग सेमीफाइनल में पहुंच चुका है। भारत के सभी खिलाड़ियों के लीग राउंड के प्रदर्शन के बारे में बाद में एक आर्टिकल आयेगा। अभी मुख्य मुख्य बातें।
भारत की बल्लेबाजी से विराट कोहली और सूर्य कुमार यादव को निकाल दो, एक औसत से भी कम टीम लगेगी ये।


विराट कोहली की पाकिस्तान के खिलाफ और सूर्य कुमार यादव की दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हैरतअंगेज पारियों ने भारतीय बल्लेबाजी की नाक बचा ली।
रोहित नीदरलैंड्स के खिलाफ भाग्यशाली रहे और जब लिटन दास एडिलेड की पिच पर भारतीय गेंदबाज़ी का कीमा बना रहे थे तो उस पिच पर राहुल की अर्धशतक मुझे प्रभावित नहीं कर सकती।

दिनेश कार्तिक और ऋषभ पंत दोनों एक टीम में क्यों नहीं खेल सकते, मुझे समझ नहीं आया।
बुमराह की गैर मौजूदगी में गेंदबाज़ी ज्यादा खराब नहीं रही।
भुवनेश्वर और अर्शदीप अपना अपना काम कर रहे हैं। शमी और हार्दिक अपना।
नेहरा का साथ मिलने के बाद हार्दिक पांड्या की गेंदबाज़ी में उल्लेखनीय सुधार आया है।
अक्षर चले नहीं और अश्विन को चहल पर उनकी बल्लेबाजी के कारण प्राथमिकता है।
जिस दिन कोहली और सूर्य कुमार यादव दोनों नहीं चलेंगे और अर्शदीप को विकेट नहीं मिलेगा , तब भारतीय टीम की असली मजबूती पता चलेगी।


जिम्बाबे ने उस पाकिस्तान को हराया जिससे भारत बमुश्किल तमाम जीत पाया जब कोहली ने जीवन की सबसे अच्छी पारियों में से एक खेल दी और जिंबाबे ने उस बांग्लादेश को नाकों चने चबवा दिए जिसने भारत के प्राण हलक तक ला दिए थे।
मुजरबानी, नगारवा, जोंगवे , इवांस और रजा का गेंदबाज़ी आक्रमण जबरदस्त है।
जिम्बावे को अगर बोलिंग पिच मिलती है तो भारत को मुश्किल होगी।

पाकिस्तानी टीम का गेंदबाज़ी आक्रमण दक्षिण अफ्रिका के बाद सबसे अच्छा है। शाहीन शाह आफरीदी अभी भी चोटिल है जिस वजह से पाकिस्तान परेशान है।
भारत और जिम्बावे से अंतिम गेंद पर हारने वाली पाकिस्तानी टीम इतनी कमजोर नहीं है।
फखर जमा , आसिफ अली और खुशदिल जैसे हिटर मिस किए इन्होंने। लेकिन इफ्तिखार ने अपना काम बखूबी किया है।

रबाडा, नोर्ट्ज, एंगिडी , पर्नेल और महाराज, मारकरम भी
ये शायद ऑस्ट्रेलिया पिच पर सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ी आक्रमण है।
दक्षिण अफ्रिका की टीम में बल्लेबाजी डिकॉक, मारकारम, मिलर और रोसोयू पर टिकी है।
ये टीम मेरी फेवरेट है। लेकिन महत्वपूर्ण मैचों में चोकिंग का इतिहास रहा है इनका।

बांग्लादेश और नीदरलैंड्स को मैं गंभीरता से नहीं ले रहा।
सेमीफाइनल में भारत को न्यूजीलैंड से न खेलना पड़े तो अच्छा।
विश्वकप में भारत न्यूजीलैंड से कभी नहीं जीती।

आपका – विपुल

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