भारत बनाम पाकिस्तान पहला मैच
सहारा फ्रेंडशिप कप टोरंटो 1997
पहला मैच
13 सितम्बर 1997
लेखक -विपुल
तारीख थी 13 सितंबर 1997 ।
जगह थी टोरंटो कनाडा ।
टीमें थी भारत पाकिस्तान।
और सीरीज का नाम था फ्रेंडशिप कप।
यूँ तो भारत और पाकिस्तान में उतनी ही फ्रेंडशिप हमेशा रही है जितनी फ्रेंडशिप सांप और नेवला या कुत्ते और बिल्ली में होती है।पर ईएसपीएन कम्पनी ने भारत में अपना स्पोर्ट्स चैनेल लॉन्च किया था और अपने प्रोमोशन के लिये उसने बीसीसीआई और पीसीबी को इतना पैसा दिया था कि दोनों कनाडा के उस टोरंटो शहर में 5 वनडे मैचों की सीरीज 3 साल तक खेलने को तैयार हो गये थे जहां क्रिकेट बिल्कुल ही लोकप्रिय नहीं था।
भारत के कप्तान थे सचिन तेंदुलकर और पाकिस्तान के सलीम मलिक ।96 का फ्रेंडशिप कप एडीशन भारत हार चुका था और इस साल तो जीतने की कोई उम्मीद ही नहीं दिख रही थी।
वजह ?
भारतीय गेंदबाजी।
श्रीनाथ, प्रसाद, कुंबले ,जोशी नहीं थे जो तब भारत के मुख्य गेंदबाज माने जाते थे।
तेज़ गेंदबाजों देबाशीष मोहंती और हरविंदर सिंह का डेब्यू था।अबे कुरुविला 10 मैच भी नहीं खेले थे राजेश चौहान कभी वनडे के मैच विजेता गेंदबाज नहीं रहे थे।सचिन ,सौरव और रॉबिन सिंह को पार्ट टाइम गेंदबाज ही माना जाता था तब।
सलीम मलिक ने टॉस जीता और तेज़ गेंदबाजी के लिये स्वर्ग दिख रही पिच पर भारत को पहले बल्लेबाजी के लिये आमंत्रित किया।सचिन और सौरव की सदाबहार जोड़ी ओपनिंग करने आई।
पहले विकेट के लिये 52 रन जोड़ दिये दोनों ने ।लेकिन बहुत धीमे रन रेट से।सौरव ने 41 गेंदों पर 17 रन बनाये थे।पहले वो कैच आउट हुये मोहम्मद अकरम की गेंद पर जो वसीम अकरम के भाई नहीं थे।।कैच शाहिद अफरीदी ने पकड़ा जो अब भी 18 साल के हैं तब भी 18 साल के ही थे।
इसी स्कोर पर सचिन भी आउट हो गये 54 गेंदों पर 17 रन बनाकर।
सुनते हैं बाल पुजारा मैच में बॉल बॉय थे।
खैर इतना धीमे सचिन या तो स्कूल जाते समय होते थे जब होमवर्क पूरा नहीं होता था।या तब जब अंजली भाभी उनसे चाय के कप धोने को कहती थीं।
सचिन की इससे ज़्यादा धीमी पारी शायद ही हो कोई।
राहुल द्रविड़ शायद टेटनेस का टीका लगवा कर आये थे वरना 41 गेंदों पर 23 रन की 56 से ऊपर की स्ट्राइक रेट की पारी नहीं खेल पाते इस घातक पिच पर।स्कोर 85 पर 3 था और ओवर आधे हो गये थे।तब भारत के सबसे कलात्मक बल्लेबाजों में से एक मोहम्मद अजहरुद्दीन और अदिति जेटली के ब्रेटली अजय जडेजा ने मोर्चा संभाला ।
अजय जडेजा !
जो कि रविंद्र जडेजा के भाई नहीं थे।
अजय जडेजा को भारतीय क्रिकेट टीम ने उस दिन जात बाहर कर दिया था।
बताओ भला !जिस पिच पर सचिन सौरव अज़हर रन बनाने के लिये संघर्ष कर रहे थे वहाँ 4 छक्के और 1 चौके मारकर 52 गेंदों पर 49 रन क्यों बनाये भाई तुमने ?
176 के स्कोर पर जडेजा को सकलैन ने मोहम्मद अकरम के हाथों कैच करवाया।
मोहम्मद अकरम !
जोकि वसीम अकरम के भाई नहीं थे।
रॉबिन सिंह हमेशा की तरह जल्दबाजी में थे।2 चौके मारे ।15 गेंदों पर 16 रन बनाए और सकलैन मुश्ताक की गेंद पर बोल्ड हो गये।
स्कोर था तब 199।202 के स्कोर पर सबा करीम 3 रन बना कर आउट हो गये।
सबा करीम!
जोकि एम एम करीम के भाई नहीं थे।
टीम के स्कोर में एक रन और जुड़कर 203 हो ही पाये थे कि राजेश चौहान को आकिब जावेद ने बोल्ड कर दिया।
आकिब जावेद !
जोकि उर्फी जावेद के कुछ भी नहीं हैं।
अज़हर ने 87 गेंदो पर 52 रन बनाए थे और 207 के स्कोर पर आउट हो गये।
सबको चल्ला मिली।
कुरुविला हरविंदर और मोहंती को भी।
सचिन खुश थे।
अब सब मन से फील्डिंग करेंगे।
भारत ने पूरे 50 ओवर खेल के सारे विकेट गंवाकर 208 रन बनाये जिस स्कोर में तीसरा सबसे बड़ा स्कोर एक्स्ट्रा रनों का था।
पटेल मार्केट में चूड़ी बेचने वाले मनिहारों की शक्ल वाले स्पिन गेंदबाज सकलैन मुश्ताक को भारतीय बल्लेबाजों ने फ़ास्ट पिच पर उपहारस्वरूप अपने विकेट दे दिए थे।
“जाओ मियां!तुम भी क्या याद रखोगे?”
स्टम्प्स से एक हाथ ऊपर जा रही गेंदों पर शारजाह के अंधेरे में भारत के खिलाफ हैटट्रिक लेने वाले “उर्फी जावेद के कुछ नहीं ” आकिब जावेद ने 2 विकेट लिये थे।मोहम्मद अकरम ने 1 विकेट लिया था।
मोहम्मद अकरम !
जो कि वसीम अकरम के भाई नहीं थे।
18 साल के अफरीदी भी एक विकेट ले गए थे।
विकलांग बुलबुल बीड़ी के चवन्नी छाप मॉडल अज़हर महमूद को भी एक विकेट मिला था ।हमारे सचिन का।
पाकिस्तान की पारी शुरू हुई।अबे कुरुविला ने गेंदबाजी की शुरुआत की।6 फुट 5 इंच लंबे कुरुविला में उस दिन एम्ब्रोस दिख रहा था पाकिस्तान के बल्लेबाज़ों को।गेंद सायं सायं निकल रही थी।
पाकिस्तान के सईद अनवर को उड़िया मोहंती ने बंगला में निकल bsdk बोला और बोल्ड मार दिया।अनवर ने मात्र 4 गेंदे खेली थीं।2 रन बनाये थे।टीम का स्कोर 4 था।
कुरुविला को भी जोश आ गया।स्कोरबोर्ड पर 6 रन थे और रमीज राजा के खाते में मात्र रन चढ़ा था तब कुरुविला ने रमीज राजा को अज़हर के हाथों कैच पकड़वा दिया।
अत्यंत अश्लील स्टांस वाले इजाज अहमद और यूसेन बोल्ट के गुरु इंजमाम उल हक ने पारी सम्भालने का प्रयास किया पर इन नामुराद बेंगाली हिंदुओं का क्या किया जाये ?हमेशा पाकिस्तान के खिलाफ ही रहते हैं।अबे कुरूविला ने ने आलू को बोरे में पैक कर दिया जब आलू 13रुपये किलो पर पहुंच चुका था 32साल बाद |
13=निजी स्कोर
32 टीम स्कोर
आलू =आलू।
😂😂
18 साल के गलिष्ठ युवा अफरीदी 20 गेंदों पर 13 रन बना चुके थे जब उन्हें एहसास हुआ कि उनसे गलती से बहुत से रन बन गये हैं।दर्जन भर से ज़्यादा।तो 57 के टीम स्कोर पर आउट होकर अफरीदी अपने टीम के 3 आउट हो चुके साथियों को ये बताने पहुँच गये कि उनकी बैटिंग की टेक्निक कितनी आउट डेटेड है।
अफरीदी का विकेट हरविंदर सिंह ने झटका।82 के टीम स्कोर पर इजाज अहमद को गांगुली ने पवेलियन की रास्ता दिखाई।इजाज ने 24 रन बनाये थे।
84 के स्कोर पर मोइन खान को 0 के व्यक्तिगत स्कोर पर गांगुली ने पवेलियन भेजा ।गांगुली का दूसरा शिकार ।
पाकिस्तान 6 विकेट पर 84 रन।
बीड़ी मजदूर जैसी भूखी नंगी सूरत बनाये अज़हर महमूद ने भी 9 रन बनाकर107 रनों पर टीम का साथ छोड़ दिया।इसका विकेट हरविंदर सिंह ने चबाया।
बड़े आराम से।
फिर पटेल मार्केट में चूड़ी बेचने का साइड बिजनेस करने वाले सकलैन मुश्ताक ने सलीम मलिक के साथ जोड़ी जमा दी और स्कोर को 171 तक ले गये ।
यहाँ आकर सकलैन मुश्ताक को जडेजा और हरविंदर ने रन आउट कर दिया।
रन ज़्यादा नहीं बचे थे।गेंदें बहुत थीं।भारत ने अतिरिक्त रन भी खूब दिए थे।दरअसल पिच ही असमतल उछाल वाली थी।
44 ओवर हुए थे।
स्कोर 188 था ।
मतलब जीत के लिये
पाकिस्तान को मात्र 21 रन बनाने थे।
36 गेंद बाकी थीं
2 विकेट बाकी थे।
भारत के सारे प्रमुख गेंदबाज अनुभव हीन थे कुछ भी हो सकता था।
रोमांच तो था ही।
डेब्यूटेंट हरविंदर ये ओवर फेंकने आये पहली ही गेंद पर अब तक 87 गेंदों पर 64 रन बना चुके सलीम मलिक को राजेश चौहान के हाथों कैच करवाया।
अगली ही गेंद पर आकिब जावेद रन आउट।
पाकिस्तान 188 के स्कोर पर ही आल आउट।
खेल खत्म पैसा हज़म।
भारत 20 रनों से जीता।
डेब्यूटेंट मोहंती ने 1 विकेट लिया था।
दूसरे डेब्यूटेंट हरविंदर सिंह ने 3 ।
अबे कुरुविला और दादा ने दो दो विकेट लिये थे।
भारत ने अतिरिक्त के 31 रन दिये थे फिर भी जीत गये थे।
खतरनाक पिच पर 52 गेंदों पर 49 रन बनाने वाले अजय जडेजा मैन ऑफ द मैच फिक्स किये गये।
पाकिस्तान के लिये मोहम्मद अकरम ज़ीरो गेंद पर ज़ीरो रन बनाकर नाबाद रहे थे ।
मोहम्मद अकरम !
जोकि वसीम अकरम के भाई नहीं थे।
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