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भारत बनाम पाकिस्तान तीसरा मैच

सहारा फ्रेंडशिप कप टोरंटो 1997
तीसरा मैच

17 व 18 सितम्बर 1997
लेखक -विपुल

विपुल

सहारा कप 97 का तीसरा मैच शेड्यूल था 17 सितंबर 1997 को| पाकिस्तान के खेमे में खलबली मची हुई थी |क्योंकि भारत दो मैच जीत चुका था और यह कुल पांच मैचों की सीरीज थी |भारत के खेमे में उत्साह था और जोश भी कि हम यह मैच जीतेंगे और सहारा कप 96 की हार का बदला लेंगे|

अपने खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने के लिए पाकिस्तान की टीम के इकलौते अंग्रेजी पढ़े क्रिकेटर जोकि खुशकिस्मती से उनके कप्तान भी थे और बॉयज प्लेड वेल अंग्रेजी लहजे में बोल भी सकते थे वह रमीज राजा

अपने खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने के लिए टोरंटो में किलो के भाव से मिलने वाली प्लेबॉय और पेंटहाउस मैगजीन लाए थे और इंग्लिश वाइन की कुछ बोतलें भी लाए थे| यह अलग बात है इनको देखकर चूड़ी बेचने का साइड बिजनेस करने वाले सक़लैन और अण्डों की रेहड़ी लगाने वाले सलीम मलिक बड़े खुश हो गए | लिफाफा बनाने में आसानी हो जाएगी |

इधर भारत के खेमे में वयोवृद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मोहम्मद अजहरुद्दीन और अजय जडेजा पर भारत के खिलाड़ियों को मनोबल बनाए रखने का काम सचिन ने छोड़ा था सट्टेबाजी और पत्ते बाजी के बीच टाइम निकालकर इन दोनों महानुभावों ने

मोहंती हरविंदर जैसे लड़कों के मनोरंजन का पूरा इंतजाम किया | ना केवल मुसाफिर और मस्तराम की साहित्यिक पुस्तकें उपलब्ध कराई गई बल्कि यह आश्वासन भी दिया गया की 17 तारीख की रात में ही एक रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा इस प्रोग्राम में कौन-कौन आएगा ? यह बाद में बताया जाएगा |

तो 17 सितंबर 97 भारत-पाकिस्तान के बीच सहारा कप का तीसरा मैच शुरू| टॉस जीता भारत नेऔर सचिन ने बहुत गंभीरता से विचार करने के बाद पाकिस्तान को पहले बल्लेबाजी करने के लिए आमंत्रित किया हालांकि ये पहले से तय था टीम मीटिंग में, पर सचिन को कूल दिखना था |

सईद अनवर और 18 साल के शाहिद अफरीदी ओपनर आए |अबे कुरूविला और देवाशीष मोहंती ने गेंदबाजी की शुरुआत की |जैसा कि हमेशा होता है भारतीय खिलाडियों की ज़रा सी तारीफ़ पर चमड़ी फूल जाती है वही हुआ |आंय बांय सांय गेंदबाजी करके कुरूविला मोहंती और हरविंदर ने 71 रन की ओपनिंग पार्टनरशिप करवा दी|

71 रन के स्कोर पर हरविंदर सिंह ने शाहिद अफरीदी को सबा करीम के हाथों कैच करवाया जब अफरीदी अपने अर्धशतक से 3 रन दूर 47 पर थे | सबा करीम एम् एम् करीम के रिश्तेदार नहीं थे आपको पहले से पता है | पर किसके रिश्तेदार थे ? यह बाद में बताया जाएगा |

इधर सौरव गांगुली में कोर्टनी वॉल्श की आत्मा आ गई थी |उनकी गेंदें लगातार बल्लेबाजों को टारगेट कर रही थीं |रमीज राजा की उंगली में सौरव गांगुली की एक इन्स्विंगर टकराई और रमीज राजा का अंगूठा तोड़ दिया | इसके बाद आए सलीम मलिक कुछ ज्यादा जल्दी में थे क्योंकि लिफाफे बनाने थे न ? साइड बिजनेस |यू नो |

तो उन्होंने बमुश्किल तमाम 3 गेंदों में 1 रन बनाया और गांगुली को अपना विकेट देकर निकल लिए | इसके बाद आए 14 साल के हसन राजा जो पाकिस्तान की टीम में क्यों रखे गए थे ? ये बाद में बताया जाएगा |

तो हसन राजा ने 5 गेंदों पर 1 रन बनाया और गांगुली को कैच पकड़ा दिया उन्हीं की गेंद पर यहीं पर बारिश हो गई और खेल रुक गया फिर बारिश न रुकने के कारण मैच रद्द हो गया| पाक का स्कोर 31.5 ओवर में 169/3 था और 74 रन बनाने वाले सेड अनवर को फंड से मिलता जुलता कुछ मोहंती ने लेने को कहा|

मैच अगले दिन रखा गया था।वायदे के मुताबिक अज़हर ने नए लड़कों के लिये 17 की रात एक सांस्कृतिक कार्यक्रम रखा जिसमें मिस अनवरी, मिस मुशी और मिस रज़ा ने नृत्य नाटिकायें प्रस्तुत कीं।

हालांकि जिस समय भारतीय ड्रेसिंग रूम में ये लड़कियां नाच रही थीं।पाकिस्तानी ड्रेसिंग रूम से सईद अनवर ,सकलैन मुश्ताक और हसन राजा गायब थे। पता नहीं कहाँ ? बाद में बताया जायेगा।

18 मार्च 1997 की सुबह सहारा कप 97 का तीसरा मैच फिर शुरू हुआ।पाकिस्तान ने टॉस जीता और भारत को बल्लेबाजी करने को बोला।डोना के शोना और सबा करीम ओपनिंग में आये। 12 के टीम स्कोर पर दोनों अलग अलग कारणों से अलग गेंदबाज़ों की गेंद पर दो दो रन बना कर निकल लिये।हालांकि आधा घण्टे खेले थे दोनों

और एक्स्ट्रा रन खूब मिले थे।20 गेंदे गांगुली ने खाईं ,16 गेंदे करीम ने चबाईं।गांगुली को उन अज़हर महमूद ने आउट करके पाकिस्तान को पहली सफलता दिलाई थी जो उर्फी जावेद के कुछ नहीं थे। सबा करीम को विकलांग बुलबुल छाप बीड़ी के इकलौते घिनहा मॉडल अज़हर महमूद ने आउट किया था।

राहुल द्रविड़ और सचिन ने स्कोर को 23 तक जैसे तैसे खींचा।और इसी स्कोर पर 10 गेंदे खेलने के बाद भी खाता न खोल सके अंजली के हमजोली आउट हो गये।


ये 10 गेंदो वाला2 गोल्डेन सिल्वर ,ब्रॉन्ज, डायमंड, प्लेटिनम कौन सा डक होता है ,ये पाकिस्तानी खिलाड़ी भी नहीं जानते थे इसलिए रमीज राजा ने सचिन को आउट करने वाले मोहम्मद अकरम से सिर्फ इतना कह पाया।
“बॉयज प्लेड वेल “
मोहम्मद अकरम ने सचिन का विकेट लिया था।
मोहम्मद अकरम !
जो कि वसीम अकरम के भाई नहीं थे।
लेकिन किसके भाई थे ?
बाद में बताया जाएगा।

सचिन की नाकामयाबी के बाद भारत के सबसे कलात्मक क्रिकेट खिलाड़ी अज़हर मैदान में राहुल द्रविड़ का साथ देने उतरे।
दोनों मिलकर स्कोर 89 तक ले गये।यहाँ राहुल द्रविड़ का ध्यान भटका ।


ये सईद अनवर के गर्दन पर वैसा ही निशान क्यों था जैसा कल भारतीय ड्रेसिंग रूम में नाच रही मिस अनवरी के गर्दन पर था?
द्रविड़ का ध्यान भटका और 79 गेंदो पर 25 रन की 31 के स्ट्राइक रेट की तूफानी तेज़ पारी खेलने के बाद वो सलीम मलिक जैसे टुटपुंजिया गेंदबाज की एक स्वरा भास्कर जैसी गेंद पर सईद अनवर को कैच पकड़ा गये।

अब अज़हर के सट्टेबाजी, पत्तेबाज़ी और छिनरई के असली साथी अजय जडेजा मैदान में उनका साथ देने आये।अजय जडेजा ने 2 छक्के मारे और 33 गेंदों पर 20 रन बनाये।


अजय जडेजा को छक्के मारने का बड़ा शौक था, पर पता नहीं हसन राजा उनसे क्यों कट रहे थे जबकि जडेजा उन्हें मुस्कुरा कर बड़े प्यार से देखे जा रहे थे ?
क्यों?
बाद में बताया जाएगा ।

अजय जडेजा को 20 के निजी और 133 टीम स्कोर पर उन्हीं मोहम्मद अकरम ने आउट किया जो वसीम अकरम के रिश्तेदार नहीं थे।
पर किसके रिश्तेदार थे ?
ये बाद में बताया जाएगा।

रॉबिन सिंह माइकेल बेवान नहीं थे ,बेस्ट फिनिशर!
रॉबिन सिंह युवराज की तरह सिक्सर किंग भी नहीं थे।
रॉबिन सिंह गांगुली की तरह के आकर्षक बल्लेबाज भी नहीं थे ।
पर रॉबिन सिंह रॉबिन सिंह थे।


25 के बल्लेबाजी और 43 के गेंदबाजी एवरेज वाला कोई 34 35 साल का खिलाड़ी ऐसे ही 5 साल बदस्तूर उस टीम में नहीं खेल ले जाता जिसमें सचिन, सौरव ,राहुल,अज़हर,कुंबले, श्रीनाथ जैसे धुरंधर हों।रॉबिन सिंह एक भरोसेमंद सिपाही थे जिनके हावभाव से ही लगता था कि ये आदमी अपनी पूरी जान लगा देगा अपनी सेना के लिये।

नो नॉनसेंस।
साधारण बल्ल्लेबाजी तकनीक ।
पर मानसिक मजबूती और टेम्परामेंट कमाल का।
रॉबिन सिंह महेंद्र सिंह धोनी के नोकिया 3310 वाले वर्ज़न थे।

मोहम्मद अजहरुद्दीन 110 गेंदों पर 67 रन बना कर आउट हो गए ।सकलैन मुश्ताक की गेंद पर अज़हर महमूद ने कैच लपका।स्कोर 164 था तब।
पर रॉबिन सिंह 29 गेंदों पर 32 रन बनाकर नाबाद रहे।96 से 2001 तक कोई ऐसा वनडे मैच नहीं था जो बहुत महत्वपूर्ण हो, सीरीज डिसाइडर हो और रॉबिन सिंह ने अपना योगदान न दिया हो।


भारत ने 50 ओवर में 6 विकेट पर 182 रन बनाये।आकिब जावेद, अज़हर महमूद, सलीम मलिक और सकलैन को एक एक विकेट मिला।
मोहम्मद अकरम को दो विकेट मिले।
मोहम्मद अकरम वसीम अकरम के भाई नहीं थे।
पर किसके भाई थे ?
बाद में बताया जाएगा।

बाबा सराय के कुंजड़ों के रिश्तेदार सईद अनवर और 18 साल के गलिष्ठ (गाली देने योग्य ) युवा शाहिद ऑफरीदी का वेलकम करने उदय भाई के खजांची के दोस्त कुरुविला और हरविंदर के दोस्त मोहंती गेंदबाजी छोर पर मौजूद थे।

मोहंती और कुरुविला रात की पार्टी की रंगीनियों को याद करके उलटी सीधी गेंदबाजी कर रहे थे।दरअसल कल पार्टी में नाची मिस अनवरी को मोहंती ने 100 100 के पांच नोट देकर उससे आज टीनशेड में मिलने का वादा लिया था।मोहंती सोच में थे कि ज़ल्दी मैच खत्म हो औऱ वो अनवरी से मिलें जाकर।
तो 52 की ओपनिंग करवा दी पलक झपकते ही मोहंती हरविंदर कुरूविला ने।

पर स्लिप में खड़े द्रविड़ ने जब मोहंती को बताया कि अनवरी उनसे भी 500 ले गई थी और अनवर के गर्दन पर वही निशान है जो अनवरी की गर्दन पर था तो मोहंती सांय बांय डेविड बन गये।


सीरीज में तीसरी बार मोहंती ने सईद अनवर को निकल bsdk बोला और इस ऑसम मौसम में मोहंती और द्रविड़ ने सईद अनवर के साथ थ्रीसम कर दिया।
अनवर कैच द्रविड़ बोल्ड मोहंती 22 (32)
टीम स्कोर 52/1

अफरीदी ने कल 47 रन बनाए थे और आज 38 गेंदों पर 44 रन बना दिये थे।इतने रन बनाकर उनके उन्हें उतना ही खराब लग रहा था जितने राजस्थान के किसी आदमी को वेनिस में लगता है।
अफरीदी को सचिन के हाथों कुरुविला ने इसी स्कोर पर आउट करवाया।स्कोरबोर्ड पर 79/2 रन थे तब।

87 रनों के स्कोर पर हरविंदर सिंह ने रमीज राजा 11 (8) का बॉयज प्लेड वेल करवा दिया गांगुली के हाथों।और 103 के स्कोर पर सलीम मलिक 6 (16) का विकेट गांगुली को मिला ।कैच सचिन ने पकड़ा।

मोहंती का दिल भले ही अनवरी ने तोड़ दिया हो ,पर भारतीय टीम के लिये मौसम वाकई ऑसम हो रखा था।
103 के स्कोर पर ही 14 साल के हसन राजा के साथ गांगुली और अजय जडेजा ने बच्चेबाज़ी कर दी।
हसन राजा जीरो पर आउट ।
कैच अजय जडेजा बोल्ड डोना के शोना।

पाकिस्तान का स्कोर 5 विकेट के नुकसान 103 था।इंजमाम एक दर्शक को मारने के कारण बैन थे जिसने उन्हें आलू कहकर चिढ़ाया था।सबा करीम बोर हो रहे थे।
वो आज आलू की वैरायटी याद करके आये थे परआज इंजमाम नहीं थे।

पाकिस्तान को जीत के लिये 80 रन और बनाने थे,5 विकेट बाकी थे।
मोहंती ,कुरुविला ,हरविंदर सब थके हुये लग रहे थे।तीनों के दिल टूट चुके थे।कुरुविला के तो 1000 की छुआ गई थी अनवरी।
तब गांगुली ने मोर्चा संभाला ।116 के स्कोर पर इजाज अहमद 13 (43)को जामुन को रंग का मुकदमा हरा देने वाले विनोद कांबली के हाथों कैच आउट करवाया ।118 के स्कोर पर मोइन खान 7(24 ) को रॉबिन सिंह के हाथों कैच करवाया।
पाकिस्तान 118/7 |

126 के स्कोर पर मोहंती ने अज़हर महमूद 6 (18) को सबा करीम के हाथों कैच आउट करवाया ।आक़िब जावेद 11 (9) 141 के टीम स्कोर पर आउट हुएये गांगुली का पांचवा विकेट था।सकलैन मुश्ताक 11 (23) का विकेट 148 के टीम स्कोर पर गिरते ही भारत 34 रनों से मैच जीत गया।
अंतिम विकेट कुरुविला को मिला था।

गांगुली के गेंदबाजी आंकड़े थे
10 -3-16-5
अबे कुरुविला और मोहंती को दो दो ,हरविंदर सिंह को एक विकेट मिला था ।भारत 3 -0 से अजेय बढ़त ले चुका था ।
मैच का मैन ऑफ द मैच कौन रहा ?
बाद में बताऊंगा।
🙏🙏🙏
आपका विपुल

विपुल

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