
ड्रग्स की समस्या पर बात करें!
आपका -विपुल
कमजोर दिल वाले न पढ़ें।
कितने लोगों को ध्यान है कुंतलों ड्रग गुजरात के पोर्ट पर 3 साल पहले पकड़ा गया था?उसके बाद पिछले साल भी बहुत बड़ी खेप ड्रग्स की पकड़ी गई।पकड़ा गया ड्रग शायद भारत में लगातार कंज्यूम हो रहे ड्रग का छटांक भर हिस्सा होगा।
1990 में चुनौती जैसे सीरियल बनते थे जो ड्रग्स की समस्या के बारे में बताते थे, युवाओं को जागरूक करते थे।वेद प्रकाश शर्मा जैसे उपन्यासकार ड्रग्स की समस्या से पीड़ित लोगों का दिल दहला देने वाला वर्णन करते थे। लेख निबंध विज्ञापन सबमें ड्रग्स से बचने के बारे में बताते थे।
आज?
मेरे कई दोस्त ग्लैमर वर्ल्ड में हैं। गहरे पक्के और बचपन के।मेरे ग्रुप के लड़कों के मेरे मजाक उड़ाने के बावजूद ये सत्य है कि ग्लैमर वर्ल्ड के कई लोगों से मेरे तगड़े कनेक्शन हैं।
और उनमें से हर व्यक्ति ने जो बात बोली,उसने मेरे चेहरे पर पसीना ला दिया था उस रोज।
सुनेंगे क्या बात थी?
मेरे एक परिचित की बेटी को मॉडलिंग का भूत चढ़ा था।मैंने एक अपने दोस्त से बात की और उसने बोला! “लड़की ड्रग्स लेती है?”
मैं बोला “नहीं!”
तो वो बोला “फिर ग्लैमर की दुनिया में उसकी जगह नहीं!
आज की डेट में मॉडलिंग से फिल्म इंडस्ट्री तक,आगे केवल वोही बढ़ते हैं जो ड्रग्स लेते हैं।”
कड़वा सच!
उसने आज की तारीख के कई अचानक बढ़े स्टार्स,कई अप्रत्याशित मृत्यु मरे स्टार्स का नाम लेकर बताया कि वो कैसे आगे बढ़े।
ऐसे ही!

मैंने उसकी बात नहीं मानी।पर आगे और लोगों ने भी बिल्कुल वही बात वही नाम वही चेहरे वही बातें बताई।
ड्रग लेने वालों का साथ लिए बिना आप यहां नहीं टिक सकते!
आप गौर करें! अगर करना चाहें तो।
आज की तारीख में कितनी फिल्में , कितने सीरियल, कितने विज्ञापन ड्रग्स से बचने को उसके खिलाफ बन रहे हैं?
उल्टे रोमांटिसाइज और किया जा रहा।
मुझे नाम लेने की आवश्यकता नहीं।बस आसपास पिछले कुछ साल की फिल्में और गाने देखें।
विज्ञापन भी।
फिर आइए सोशल मीडिया पर।कितने ही इंस्टाग्राम हैंडल आपको ड्रग्स का अघोषित प्रचार सा करते दिखेंगे। पर ड्रग्स से बचाने को कितने इंस्टा हैंडल दिखते हैं?
ऊपर से इंस्टाग्राम पर नंगई करके ग्लैमर वर्ल्ड जाने का सोचने वाले बहुत लड़के लड़कियां हैं इधर।
आपके भी घर के हैं
यहीं से असली बात शुरू होती है।
कच्ची उम्र और कच्ची समझ के ऐसे लड़के लड़कियां ड्रग्स पैडलर ग्रुप के बड़े आसान शिकार होते हैं। आप गूगल करके देखें।
आपके शहर में ही तमाम मॉडलिंग एजेंसियां और फैशन फोटोग्राफर , कास्टिंग एजेंसी रजिस्टर दिखेंगी।
नाम पता फोन नंबर सहित!
विश्वास कर लोगे ना?
खेल शुरू!
इनमें से 90 प्रतिशत कास्टिंग एजेंसियां मॉडलिंग एजेंसियां इन बच्चों को ड्रग्स के व्यापार का स्थाई उपभोक्ता बनाने के द्वार हैं। और कुछेक देह व्यापार में धकेलने के भी।
और हां! ये इनको ग्लैमर वर्ल्ड में काम भी दिला सकते हैं थोड़ा बहुत!
एक बात पर और गौर करें।
आज की फिल्मों की लागत!
मुझे आज तक ये समझ न आया कि पांच सात मिनट के एक फिल्मी गाने की शूटिंग पर दस बीस करोड़ कैसे खर्च हो सकते हैं? आप बोलेंगे काला धन सफेद हो रहा।
पर ये काला धन आया कहां से? ड्रग्स के अलावा दुनिया में और कोई धंधा इतना पैसा नहीं दे सकता।कोई भी नहीं मतलब कोई भी और धंधा नहीं।
पर फ़िल्में मेरा आज का विषय नहीं है।मेरा विषय हमारे आपके बच्चे हैं। शायद मैं थोड़ा भटक गया। डर के मारे।
मैं बात को वाराणसी और अजमेर तक पहुंचाना चाह रहा था।
स्कूल कॉलेज में ड्रग्स आज की तारीख में 1990 से ज्यादा सुलभ है।
मुझे आईआईटी और एक बड़े स्कूल के दो रियल केस पता हैं।
और दोनों में ही मैं उन बच्चों के बाप की काउंसलिंग के वक्त वहां मौजूद था।
सेम केस थे।
लड़की को ड्रग्स का आदी बनवा के उसका सेक्सुअल एब्यूज।

एक लड़की पागल हो गई थी। दूसरी को घर वालों ने छोड़ दिया था। और अपराधी कौन थे?
उन्हीं लड़कियों के सहपाठी!
असली अपराधी ड्रग्स था वैसे!
ये ज्यादा पुराने केस नहीं। अमृतकाल के बाद के हैं।
स्मार्टफोन, इंस्टाग्राम फ्रेंड और ड्रग्स इन कहानियों के तीन मुख्य किरदार थे।
स्मार्टफोन आज की तारीख में होने वाले यौन अपराधों का सबसे बड़ा कारण है।
और साथ ही इंस्टाग्राम भी।
वाराणसी का केस आपको पता ही चला होगा।
स्पा में काम करने वाली लड़की, ड्रग्स, सेक्स वीडियो,यौन उत्पीड़न,23 लोगों पर केस। सेक्स रैकेट और कई मजबूर लड़कियां जिन्हें ड्रग्स का आदी बना के इस धंधे में डाला गया।
अच्छे घरों की, जिनके परिवार को अभी तक पता ही नहीं था।
बहुत कुछ लिखना चाहता था।पर मेरी हिम्मत जवाब दे रही है अभी।
केवल इतना बोलूंगा कि अपने बच्चों को ड्रग्स के दुष्परिणाम के बारे में बताएं, उनका फोन नियमित चेक करते रहें भले थप्पड़ मार के भी।
उनका इंस्टा हैंडल जरूर चेक करें और उन्हें इंस्टाग्राम फ्रेंड से सशरीर मिलने के दुष्परिणाम बताएं।बताएं कि किसी को अपनी फोटो न भेजें।
ड्रग्स के कारण तबाह परिवारों, बच्चों के बारे में जरूर बातें बताएं ।
उन्मुक्त यौन आकांक्षाओं का ड्रग्स के साथ मिश्रण एक ऐसा कॉकटेल तैयार कर देता है जिसमें परिवार के परिवार डूब जाते हैं।
ड्रग्स की समस्या पर बात करें!
क्योंकि सरकार,समाज और साहित्यकार अब इस समस्या पर बात नहीं कर रहे अब ड्रग्स की समस्या पर!
और इस गलतफहमी में न रहें कि ये समस्या आपके परिवार तक नहीं आ सकती।
बीसियों भले लोग रोते देखे हैं चीज़ें हाथ से निकलने के बाद
स्मार्टफोन इंस्टाग्राम टीवी और लैपटॉप आपके बच्चे के पास भी है। साथ ही आपकी दी हुई आजादी भी।
सचेत रहें। थोड़ा कहा बहुत समझना।
🙏🙏
आपका -विपुल।
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