लेखक -आयुष अग्निहोत्री
योजना का प्रारूप
हाल ही में केंद्र सरकार ने एक योजना जारी की है जो कि अग्निपथ के नाम से जानी जाएगी। जिसके तहत भारतीय थल सेना, भारतीय वायुसेना एवं भारतीय नौ सेना में 4 साल के लिए सैनिकों की भर्ती की जाएगी और ये सैनिक अग्निवीर के नाम से जाने जाएंगे। इस योजना में 4 साल के बाद 25% सैनिक स्थायी कर दिए जाएंगे एवं बाकी के 75% सैनिक रिटायर कर दिए जाएंगे। जो सैनिक भर्ती किए जाएंगे उनको पहली साल में 30 हजार रुपये दूसरी साल में 33 हजार रुपये तीसरी साल में 36,500 रुपये और चौथी साल में 40 हजार रुपये मासिक सैलरी मिलेगी। जिसमें से 30% की कटौती होगी एवं इतनी ही रकम केंद्र सरकार द्वारा रिटायर होने पर सेवा निधि के रूप में सैनिकों को दी जाएगी। यह रकम कुल मिलाकर 11 लाख 71 हजार रुपये होगी जिस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। अग्निवीरों की भर्ती की उम्र साढ़े 17 साल से 21 साल तक रखी गयी लेकिन फिर बाद कोरोना की स्थितियो को देखते हुए इसको पहली भर्ती के लिए 21 से बढ़ाकर 23 साल तक कर दिया गया। इसके साथ ही केंद्र सरकार का कहना है कि जो 75% सैनिक रिटायर किए जाएंगे इनको अन्य सरकारी भर्तियों में प्राथमिकता दी जाएगी। इस योजना का देश के कई राज्यों में बहुत व्यापक स्तर पर विरोध भी हो रहा है।
सकारात्मक पहलू
इस योजना के कई सकारात्मक पहलू भी है। सबसे पहला ये कि अधिक से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा । दूसरा ये कि 4 साल के बाद जब आपके पास 11 लाख 71 हजार रुपये की जमा पूंजी होगी तो उससे आप अपना कुछ व्यापार शुरू कर सकते हैं।
विरोध के कारण
क्यों हो रहा है विरोध –
अग्निपथ योजना का विरोध इसलिए भी हो रहा है क्योंकि युवाओं को लगता है कि वह पूरी जी जान लगा देने का बाद केबल 4 साल के लिए सेना में भर्ती हो पायेगा और 4 साल के बाद वह पुनः बेरोजगार हो जाएगा। एक यह भी है कि आगे का भविष्य सुरक्षित नहीं रह जाएगा क्योंकि इसमें पेंशन की सुविधा नहीं है। सबसे बड़ा कारण जो अभ्यर्थी परीक्षा पास करके, फिजिकल क्वालीफाई करके 2 साल से ट्रेनिंग के लिए कॉल लेटर का इंतजार कर रहे उनका क्या होगा? उनमें से कई तो अब उम्र सीमा भी पार कर चुके हैं।
हिंसा गलत है
देश के कई हिस्सों में सरकार की इस योजना का विरोध भी हो रहा है। लोग इस योजना के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं जो कि उग्र भी हो रहा है। कई जगहों पर हिंसा की खबरें भी है। आंदोलनकारियों ने बसों एवं ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया है। युवाओं की मांग जायज है लेकिन भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में आंदोलन शांतिपूर्ण होना चाहिए। मैं युवाओं की मांग से तो सहमत हूँ लेकिन उनके द्वारा की जा रही हिंसा का पुरजोर विरोध करता हूँ। क्योंकि जो भी नुकसान हो रहा है इस देश की पब्लिक प्रॉपर्टी का ही नुकसान हो रहा है जो कि हमारे- आपके दिए हुए टैक्स के पैसे से बनती है। जो लोग सैनिक बनकर मां भारती की सेवा करना चाहते हैं उनको ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि सैनिक मां भारती के लिए हंसते- हंसते जान तक न्योछावर कर देते हैं परंतु इस हिंसा से अपने ही देश का नुकसान हो रहा है।
अंत में मां भारती के सपूतों के लिए 2 पंक्तिया
अभय बैठ ज्वालामुखियों पर अपना मन्त्र जगाते हैं,
ये हैं, वे, जिनके जादू पानी में आग लगाते हैं!
समाप्त 🙏🙏
लेखक -आयुष अग्निहोत्री
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Good analysis