काव्य /शायरी

प्रेमी के जीवन का धन

रचनाकार -विपुल विपुल श्वेत वर्ण सा वदन तुम्हारा गंगाजल सा पावन मन, मीन सदृश हैं नैन तुम्हारे ,प्रेमी के जीवन का धन । काले काले केश तुम्हारे , कोमल कटि कमनीय वदन, वैरागी के चित को हर ले , गज गामिनी तेरा यौवन। YOUTUBE LINK नए टैब में खोलें| YOUTUBE…

काव्य /शायरी

ख़ुशनुमा नहीं होता।

विपुल विपुल बबूल की छांव , कंक्रीट के जंगल,प्लास्टिक के दिल और रोता हुआ मर्द । हर कहानी का अंजाम खुशनुमा नहीं होता। भेड़ियों का झुंड, बकरियों के बच्चे।कौव्वों का शोर और बेहिसाब दर्द।। हर कहानी का अंजाम खुशनुमा नहीं होता। आस्तीनों के सांप ,ढंके छुपे बिच्छू,रेगिस्तानी गिरगिट और सड़क…